केंद्र और गुजरात सरकार में वडनगर, पाटन और मोढेरा टुरिस्ट सर्किट के लिए १०० करोड़ रुपये का आवंटन किया है । इसके अलावा वडनगर में हेरीटेज वॉक शुरु करने का भी निर्णय लिया गया है । वडनगर बौद्ध हेरिटेज स्थलों के लिए जाना जाता है । किर्ति तोरण, हार्टकेश्वर मंदिर, तानारिरि स्थल, अन्य इतिहासिक स्थलों के लिए भी वडनगर जाना जाता है । प्रवासियों के लिए वडनगर को मुख्य आकर्षण बनाने के लिए प्रयास शुरु हो चुके है । तारंगा, मोढेरा, पाटन में हेरिटेज स्थल को ओर अधिक आकर्षित बनाने के तहत प्रयास शुरु हो चुके है । वडनगर और इसके आसपास के इलाको में बहुत से टुरिस्ट स्थल पहले से ही है । जिनमें सात मंजिल की पंचममाता की वाव जो १६वी सदी है । इसके अलावा गौरीकुंड का भी विशेष महत्व है । मिली जानकारी के मुताबिक, स्थानिक युवको को ट्रेनिंग भी दी जा रही है । हेरिटेज वॉक के लिए गाइड के रुप में स्थानिक युवकों को तालीम दी जा रही है । इस प्लान में बौद्ध और जैन स्थलो को भी वॉक में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे है । हालहि में चीफ सेकेटरी ने जेएन सिंह वडनगर गए थे और उन्होंने टुरिजम डेवलपमेन्ट काम की समिक्षा की थी । इसके अलावा टुरिजन में मुख्य सचिव एस जे हैदर ने बताया कि नए टुरिस्ट सर्किट से वडनगर, तारंगा, मोढेरा और पाटन को जोड़ा जाएगा । वडनगर हेरिटेज स्थलो में शामिलहै । क्योंकि यहां पहले से ही बहुत से स्थल है जो इतिहास में दर्ज है । हैदरने बताया कि राज्य सरकार ने किर्ति तौरण और इसके आसपास के इलाको को फिर से विकसित करने के लिए विकास कार्य शुरु किए है । केंद्र सरकार की तरफ से वित्तिय और टेकनिकल सहायता ली जा रही है । उन्होंने कहा कि अन्य बौद्ध हेरिटेज स्थल को भी नए रंगरुप में लाने के प्रयास शुरु हो चुके है । वडनगर सर्किट में विश्व प्रसिद्ध तारंगा हिल और अन्य जैन और बौद्ध मंदिरो को शामिल किया जा रहा है । वडनगर का उल्लेख पुराण में भी देखनो को मिलता है । सातवी सताब्दी में चीन के प्रवासी हेंगसेन आए थे तब भी इस बात का उल्लेख हुआ था ।