सरकार अब ब्लैक मनी पर शिंकजा कसने के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है । कंपनियां के लिए अब इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करना महंगा साबित होगा । अब जो कंपनियां इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करेंगी उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा । फाइनैंस बिल २०१८-१९ में कंपनियों के इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग नियम में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है यह नियम १ अप्रैल २०१८ से लागू होगा । केंद्र सरकार ने देश में बड़े पैमाने पर मौजूद शेल कंपनियों को ध्यान में रखते हुए इस नियम का प्रस्ताव लाया गया है । शेल कंपनियां वे कंपनियां होती हैं, जो मुखौटा कंपनी होती है और इस्तेमाल ब्लैक मनी को वाइट करने में किया जाता है । टैक्स एक्सपर्ट और सीए गौरव जैन का कहना है कि सरकार ने यह कदम उन कंपनियों के खिलाफ उठाने के लिए किया है, जो रिटर्न फाइल में लापरवाही दिखाती है या फिर जानबूझकर रिटर्न फाइल नहीं करतीं । देश में लाखों की संख्या में शेल कंपनियों के होने का शक है, जो इनकम टैक्स रिटर्न फाईल नहीं करती है । अगर फाइनैंस बिल में यह प्रस्ताव पारित हो गया तो शेल कंपनियों पर नकेल कसी जा सकेगी । गौरतलब है कि मौजूदा नियम है के तहत अगर किसी कंपनी की इनकम टैक्सेबल नहीं है और वह रिटर्न फाइल नहीं करती है तो उस पर मुकदमा नहीं चलाया जाता है । केंद्र सरकार, ब्लैक मनी की चुनौती से निपटने के लिए शेल कंपनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है । सरकार करीब २.२६ लाख कंपनियों का रजिस्ट्रेशन पहले ही कैंसल कर चुकी है और ऐसी कंपनियों से जुड़े लगभग ३.०९ लाख डायरेक्टर्स को डिसक्वॉलिफाई किया जा चुका है । नोटबंदी के दौरान बैक खाते में १५ लाख या इससे ज्यादा रुपये जमा कराने वाले करीब २ लाख लोगों को इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है ।