टैक्स भरना अच्छी बात होती है लेकिन बेंगलुरु में एक व्यक्ति को यह महंगा पड़ गया । दरअसल, आयकर रिटर्न फाइल करने समय ३४ साल इस मजदूर ने अपनी सालाना आय ४० लाख बताई और इसका स्त्रोत भी उजागर नहीं किया । शक होने पर मजदूर पर नजर रखी गई और पाया कि वह असल में एक ड्रग डीलर है । रचप्पा रंगा ने आईटी-रिटर्न फाइल करते समय २०१७-१८ की अपनी सालाना आय ४० लाख बताई । इस पर पुलिस को शक हुआ और उस पर नजर रखी जाने लगी । उधर, आयकर अधिकारियों ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया क्योंकि उसने रिटर्न में आय का स्त्रोत नहीं लिखा था । सुत्रों के मुताबिक, जब आयकर विभाग ने रचप्पा के खिलाफ जांच शुरू की थी उसने वकीलों की सलाह पर खुद को क्लास-१ ठेकेदार के रूप में रजिस्टर कराया, लेकिन वह फिर भी बच नहीं सका । पुलिस की जांच में पता लगा कि साल २०१३ तक रचप्पा मजदूर था । उसके बाद उसने ड्रग-डीलिंग शुरू की । उसने कई युवाओं को काम पर लगाया और इस धंधे में करोंड़ों रुपये भी कमाए । यही नहीं, वह कनकपुरा रोड पर ४०,००० रुपये के किराये वाले विला में रहता है । उसके पास गाड़ी और गांव में संपत्ति भी है । बताया जाता है कि वह हर महीने लगभग ३० किलो गांजा बेचता था जिसकी कीमत लगभग ३५,००० रुपये किलो थी । पुलिस को शक होने पर उसके घर पर धावा बोला गया जहां से उसे और उसके एक साथी श्रीनिवास को दबोच लिया गया । हालांकि, उनका एक और साथी बच निकलने में कामयाब रहा । पुलिस ने उसकी गाड़ी, मोबाइल, ५ लाख नकदी और २६ किलोग्राम गांजा बरामद किया है ।
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