मकर संक्राति के दिन हमेशा जैसे ही गत दिन भी कई पक्षी दौरी के कारण घायल हो गये थे । हालांकि उनका तुरंत उपचार किया गया था । दूसरी तरफ लोगों में बढ़ रही जागृति के कारण पक्षियोें के घायल होने की घटना कम हुई है । इसी दौरान पतंग उड़ाने के समय कई मूक पशु पतंग की दौरी की चपेट में आकर कट जाते है । एक तरफ पतंग शोखिन जबकि पतंगबाजी में तैयार हो जाते है तब दूसरी तरफ पतंग की दौरी से घायल होनेवाले पक्षी को बचाने के लिए शहर में विभिन्न हेल्पलाइन मदद करने के लिए आगे आयी है । मकर संक्राति के दिन में पक्षियों को अलग-अलग हेल्पलाइन द्वारा रेस्क्यू करके उनका उपचार किया गया है । मकर संक्राति के दिन शहर में भारी संख्या में पक्षी घायल हो गये थे । उत्तरायण में अहमदाबाद में सैंकड़ों पक्षी घायल हो गये थे । उसके बाद विभिन्न फाउन्डेशन द्वारा यह पक्षियों का उपचार किया जाता है । लेकिन इस वर्ष में देखे तो लोगोें में पक्षी बचाने को लेकर आयी जागृति के कारण कॉल्स में कमी देखने को मिली है । अधिकतर दौरी से ही पक्षी घायल हो जाते है । सबसे ज्यादा कबूतर और चील घायल हो जाते है । गत वर्ष जनवरी महीने में २८०० पक्षियों का उपचार किया गया था । इस वर्ष में भी इतना ही आंकड़ा देखने को मिले ऐसा लग रहा है । इस बार सबसे ज्यादा अवेरनेस स्लम क्षेत्र में लोगों में देखने को मिली है । शहर के मणिनगर, शाहआलम, बापूनगर, खोखरा, निकोल, सीटीएम, चांदखेडा, सोलारोड, जुहापुरा, राणिप, पालडी, सेटेलाइट, जीवराज पार्क, वेजलपुर सहित अन्य क्षेत्र में से रेस्क्यू के लिए कोल देखने को मिल रहा है । चील, कोयल, राजहंस, मेना, कौवा जैसे पक्षी भी घायल होते हैं ।
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