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सोशल मीडिया के युग में भी पुस्तकालय पाठकों में वृद्धि

देश के लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल के द्वारा गत १५ अप्रैल, १९३८ को शहर का प्रसिद्ध शेठ माणेकलाल जेठाभाई पुस्तकालय (एमजे पुस्तकालय) खुला रखा गया था । ऐतिहासिक दांडीकूच के प्रारंभ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आश्रम के ९६५० पुस्तकों द्वारा सार्वजनिक पुस्तकालय बनाने का विचार व्यक्त किया था । आज के स्मार्ट फोन और मोबाइल -इन्टरनेट के युग में भी एमजे पुस्तकालय ने अहमदाबाद के लोगों में अपनी प्रसिद्धि बनाये रखे होने की वजह से इसके पाठकों की संख्या में वृद्धि हुई है । म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन संचालित एमजे पुस्तकालय के ग्रंथपाल डॉ. बीपिन जे. मोदी द्वारा गत दिन एमजे पुस्तकालय का आगामी वित्तीय वर्ष २०१८-२०१९ का १०.९२ करोड़ रुपये का ड्राफ्ट बजट पेश किया गया था । यह ड्राफ्ट बजट में एमजे पुस्तकालय के पाठकों के लिए पुस्तक खरीदी, सामयिक, वर्तमानपत्रों आदि के लिए ३५ लाख रुपये की रकम आवंटित करायी गई है । एमजे पुस्तकालय के वार्षिक वाले पाठक और जीवनभर सदस्य मिलाकर कुल २२००० से ज्यादा सदस्य है । संस्था को गत वित्तीय वर्ष २०१६-१७ में पाठक सदस्यपद से १५.१७ लाख रुपये की आय हुई थी जो कि संस्था की कुल आय के ३० फीसदी थी । जबकि इस वर्ष २०१७-१८ के प्रथम छह महीने में ९.८८ लाख रुपये की आय हुई है और आगामी वित्तीय वर्ष २०१८-१९ में यह आय में वृद्धि हुई है ।
१७.२५ लाख रुपये होने का अनुमान ग्रंथपाल मोदी ने ड्राफ्ट बजट रखा है । ग्रंथपालन बीपिन बताते है, एमजे पुस्तकालय के वार्षिक सदस्य पद के लिए पाठक के पास ५०० रुपये की फीस ली जाती है, जिसमें से ३०० रुपये डिपोजिट के तहत है जबकि जीवनभर सदस्यपद के लिए १५०० रुपये की फीस चुकानी पडेगी । यह संस्था के कुल २२००० से ज्यादा सदस्य होने से इसमें ३० फीसदी महिला है ।

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