पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आज मतदान होगा । राज्य के सभी ६८ निवार्चन क्षेत्रों में पारंपराकि प्रतिद्धंद्धी कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला है । मैदान में ६२ विधायकों सहित ३३ उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं । मुख्यमंत्री वीरभ्रद्र सिंह, १० मंत्री, आठ मुख्य संसदीय सचिव, विधानसभा के उपाध्याक्ष जगत सिंह नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और एक दर्जन से ज्यादा पूर्व मंत्री समेत अन्य चुनावी मुकाबले में है । मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सत्तारुढ कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की अगुवाई में भाजपा सभी ६८ सीटों पर चुनाव लड़ रही है । बसपा ४२ सीट पर, इसके बाद माकपा १४ सीट पर, स्वाभिमान पार्टी और लोक गठबंधन पार्टी छह-छह सीटों पर और भाकपा तीन सीटों पर मैदान में है । अभियान में भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने ४५० से ज्यादा रैलियां की । भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह ने क्रमशः सात और छह रैलियों को संबोधित किया । कांग्रेस उपाध्याक्ष राहुल गांधी ने तीन रैलियां को संबोधित किया । भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर प्रचार अभियान में भाजपे ने मुख्यमंत्री वीरभ्रद्र सिंह पर जमकर निशाना साधा जबकि कांग्रेस ने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर प्रहार किया । झंडुता में सबसे कम उम्मीदवार हैं जहां सीधा मुकाबला है । वहीं धर्मशाला में सबसे ज्यादा १२ उम्मीदवार मैदान में है । भाजपा ने पूर्व मंत्री अनिल शर्मा सहित चार पूर्व कांग्रेसियों को तथा चौपाल से एक निर्दलीय को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने पोटा साहिब और कांगड़ा से दो निर्दलीय को उतारा है । मुख्यमंत्री सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल दोनों अपनी सीट बदल चुके है और अरकी तथा सुजानपुर से लड़ रहे है । मंडी सदर सीट से पूर्व दुरसंचार मंत्री सुखराम के बेटे अनिल शर्मा (भाजपा) के खिलाफ कांग्रेस के मंत्री कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर किस्मत आजमा रही है । वर्तमान में राज्य की ६८ सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के क्रमशः ३५ और २८ विधायकों के साथ चार निर्दलीय है और एक सीट खाली है । चुनावों में १८० से ज्यादा निर्दलीय और कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा बागी मुकाबले में हैं । कुल ५०,२५,९४१ योग्य मतदाता है । राज्य में ७५२५ मतदान केंद्र बनाए गए है ।