बीजेपी नोटबंदी के एक साल पुरा होने पर ८ नवम्बर को काला धन विरोध दिवस के तौर पर मनाएगी । केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता राज्यों की राजधानियों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार के बनने के बाद से काला धन और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देंगे । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरूण जेटली और रेल मंत्री पीयूष गोयल के ८ नवम्बर को गुजरात के अलग अलग हिस्सों में मौजुद रहने की संभावना है । चूंकि बुधवार को कैबिनेट की बैठक भी है, लिहाजा शाह को छोड़कर बाकी सभी नेता कैबिनेट की बैठक में शामिल होने के बाद गुजरात रवाना हो सकते है । मोदी इस मौके पर बयान भी जारी रह सकते है । गोयल अहमदाबाद में मीडिया को संबोधित करेंगे । जेटली मंगलवार को प्रेस कोन्फ्रेंस करेंगे, जहां वह ब्लैक मनी को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जनता को जागरुक करने के लिए तय कार्यक्रमों के बारे में बताएंगे । बीजेपी के सुत्रों ने बताया कि ८ नवम्बर को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण चेन्नै में पत्रकारों को संबोधित करेंगी । इसी तरह, रोड़ ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गड़करी मुंबई में, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडे़कर बेंगलुरू में मीडिया से बात करेंगे । सुचना और प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी लखनऊ में, संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार हैदराबाद में, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी चंडीगढ़ में, वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु जयपुर में, नागरिक उड्टयन मंत्री जयंत सिन्हा कोलकाता में और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोटी पटना में प्रेस कोन्फ्रेस को संबोधित करेंगे । एक साल पहले की गई नोटबंदी के कारण ब्लैक मनी को बाहर निकालने, जाली नोटों पर लगाम लगाने और चलन में कैश कम करने में मदद मिली है । वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी । मंत्रालय ने माइक्रोब्लोलिंग साइट टि्वटर पर लिखा कि चलन में कैश १७.७७ लाख करोड़ रुपये से कम होकर ४ अगस्त २०१७ को १४.७५ लाख करोड़ पर आ गया है । मंत्रालय ने कहा कि पुनर्मुद्रीकरण के बाद अब महज ८३ प्रतिशत ही प्रभावी नकदी है । मंत्रालय ने नोटबंदी के अन्य फायदे गिनाते हुए कहा कि इसके आतंकवाद और नक्सलवाद के वित्तपोषण पर गहरा आघात किया था । आगे लिखा, इनके अलावा नोटबंदी ने टैक्स कलेक्शन का दायरा बढ़ाने, अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक अर्थव्यवस्था में तब्दील करने और पैसे को जिम्मेदार बनाने में मदद की है । इसने भुगतान का डिजिटलीकरण करने और देश को कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में बड़ा योगदान दिया है । सितंबर के दौरान १.२४ लाख करोड़ रुपये के डिजिटल ट्रांजैक्शंस हुए हैं । डिजिटल ट्रांजैक्शंस की कुल संख्या ८.७७ करोड़़ थी ।
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