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गुजरात : ठाकुर-पटेल के बीच फंस गई कांग्रेस पार्टी

गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस हर मुमकिन कोशिश में जुटी है । इसके लिए कांग्रसे ने पाटीदारों, ओबीसी और दलितों को लुभाने में पुरी ताकात लगा दी है । अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस में शामिल होकर पुरे समर्थन का ऐलान कर दिया है । दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर अपना समर्थन दिया है । राहुल गांधी भी पाटीदार आंदोलन के अहम चेहरा हार्दिक पटेल का नाम कई बार अपने भाषणों में जिक्र कर चुके है । कांग्रेस नेताओं की हार्दिक पटेल के साथ कई गुप्त मीटिंग हो चुकी है । इस सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि क्यां कांग्रेस की यह योजना सफल होगी । चर्चा है कि अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस में शामिल होने से पहले यह शर्त रखी थी कि अधिक संख्या में उसके समर्थकों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया जाए । सवाल यह भी है कि क्या उत्तरी गुजरात के सभी पटेल वोटर अल्पेश ठाकोर के समर्थकों को वोट देंगे । अंदरखाने से जो बाते निकलकर सामने आई है, उससे संकेत मिल रहे है कि पाटीदार अपने समुदाय के नेताओं को छोड़कर किसी दुसरे नेता को वोट देने के पक्ष में नहीं है । ऐसे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी उत्तर गुजरात में अहम विकल्प हो सकती है । हाल ही में हार्दिक पटेल ने एनसपी नेता प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात भी की थी । साथ ही पाटीदार कांग्रेस के (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम) थिअरी का भी हिस्सा नहीं हैं, जिसके दम पर कांग्रेस गुजरात चुनाव जीतना चाहती है । कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में इस थिअरी को आजमाने का मन बना चुकी है । सियासी विश्लेषकों का भी मानना है कि इस थिअरी के आधार पर पाटीदार वोटरों को अपने पाले में लाना कांग्रेस के लिए मुश्किल होगा । इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने एक रिपोर्ट तैयार की है । कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी किसी भी दिन पटेलों को आरक्षण देने को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है । यदि ऐसा होता है तो अल्पेश ठाकोर और उसकी ठाकोर सेना की प्रतिक्रिया देखने लायक होगी । ठाकोर सेना पटेलों को आरक्षण देने के बिल्कुल खिलाफ है । कांग्रेस ने अल्पेश ठाकोर से वादा किया है कि कुछ खास सीटों पर उसके समर्थकों को टिकट दिए जाएंगे । इसी वजह से ठाकोर समुदाय कांग्रेस की तरफ झुका दिख रहा है । हार्दिक पटेल भी कह चुके हैं यदि पाटीदार आंदोलन के नेताओं को कांग्रेस टिकट देती है तो वह उसे सपोर्ट करेंगे । यही वजह है कि उतरी गुजरात में सिपासी समीकरण का अनुमान लगाना मुश्किल लग रहा है । उत्तरी गुजरात में ठाकोंर और पटेंलो समुदायों का गहरा प्रभाव है, लेकिन वे एक दुसरे को वोट नहीं चाहते है । बीजेपी के कुल १२० विधायकों में से ४४ विधायक पाटीदार समुदाय से हैं । वह आंकड़़ा साबित करता है कि पटेल बीजेपी के लिए कितने अहम है । ऐसे में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती पटेलों को टिकट देना है । यदि कांग्रेस ओबीसी और अन्य जातियों के नेताओं से हाथ मिलाती है तो क्या उशके लिए अधिक संख्या में पटेलों को टिकट देना संभव हो पाएगा । एक समाचर पत्र में पटेल और ठाकोर वोटरों के बीच कांग्रेस पार्टी फंस गइ होने के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई ।

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