कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में पार्टी महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों के साथ अहम बैठक की । बैठक के बाद उन्होंने सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दिन ८ नवम्बर को किस बात का जश्न होगा । मुझे समझ में नहीं आत । राहुल ने नोटबंदी और जीएसटी को देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका बताते हुए इसकी तुलना बम और टोपीडो से की । उन्होंने कहा, मोदी सरकार की दो बड़ी आर्थिक नीतियों नोटबंदी और जीएसटी से लोगो को अपार दुख हुआ है । अच्छे आइडिया को कैसे भ्रष्ट किया जा सकता है, जीएसटी इसका उदाहरण है । राहुल ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की अर्तव्यवस्था पर नोटबंदी और जीएसटी के दो बम मारे हैं । इसके बाद राहुल ने नोटबंदी और जीएसटी को टोपीडो बताते हुए कहा, एक टोपीडो ने अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका दिया, तो दुसरे ने उसे डुबो ही दिया । पहला टोपीडो नोटबंदी का था, तो दुसरा ठीक तरीके से लागु नहीं की गई जीएसटी का । गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव के मद्देनजर यह बैठक काफी अहम है । इसके अलावा ८ नवम्बर को नोटबंदी के भी एक साल पुरे हो रहे है और कांग्रेस उस दिन देशभर में विरोध-प्रदर्शन करने वाली है । ऐसे मेें मोदी सरकार के घेरने के लिए रणनीतिक चर्चा के लिहाज से भी यह बैठक काफी अहम रही । बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम भी शामिल हुए । सुत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं ने नोटबंदी और जीएसटी पर मोदी सरकार को घेरने की कारगर रणनीति सुझाई । कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पहले ही कह चुके हैं की नोटबंदी और जीएसटी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में है । नोटबंदी के एक साल पुरा होने पर कांग्रेस ८ नवम्बर को देशभर में विरोेध-प्रदर्शन करने वाली है । कांग्रेस के विरोध-प्रदर्शन का थीम एमएमडी यानी मोदी मेड डिजास्टर रहेगा । माना जा रहा है कि बैठक में उस विरोध प्रदर्शन की विस्तृत रूप रेखा पर चर्चा हुई । सुत्रों के मुताबिक बैठक के अजेंडे में गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की रणनीति भी शामिल थे । गुजरात में पाटीदारों की बीजेपी से नाराजगी और पिछले साल सुबे में दलित आंदोलन का चेहरा रहे जिग्नेश मेवानी के कांग्रेस को समर्थन से पार्टी उत्साहित है । इसके अलावा ओबीसी आंदोलन का चेहरा रहे अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हो चुके है । इससे कांग्रेस को उम्मीद बंधी है कि सत्ता से उसका २२ साल का वनवास खत्म हो सकता है । पाटीदार अनामत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को साधना कांग्रेस के लिए अब भी बड़ी चुनौती है । बीजेपी का खुलकर विरोध कर रहे पटेल ने कांग्रेस को समर्थन देने के मुद्दे पर अपने पत्ते नहीं खोले है । उन्होंने कांग्रेस को अल्टिमेटम दिया है कि पार्टी पटेल आरक्षण के मुद्दे पर ३ नवम्बर तक अपना रुख स्पष्ट करे ।
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