लव मैरिज करनेवाले युवक-युवती के शादी से नाराज युवती के परिवारवाले विशेष करके एडवोकेट पिता और सौतेले भाई ने युवती को गलत बातें करके उसके पति से अलग कर दिया । इतना ही नहीं, गर्भवती हुई युवती को दवाई देकर इसका गर्भ गिराकर युवती के परिवारवालों ने मानवता की हद पार कर दी थी । अपनी पत्नी को कब्जे में लेने के लिए युवक पति ने गुजरात हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटटाते हुए कोर्ट चैम्बर में युवती की पूछताछ के दौरान उसने यह चौंकानेवाला खुलासा किया था ।जस्टिस अभिलाषाकुमारी और जस्टिस ए.जे शास्त्री की खंडपीठ ने आखिर में युवती की इच्छा समझकर उसे अपनी इच्छा के अनुसार अर्जीकर्ता पति के साथ जाने देने का आदेश दिया था । आगे हाईकोर्ट ने युवती के परिवारजनों की तरफ से दोनों पति-पत्नी को कोई परेशानी या खतरा नहीं रहे इशके लिए उनको सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए गांधीनगर डीएसपी को आदेश दिया गया था । हाईकोर्ट ने बताया है कि, युवती के परिवारजनों की तरफ से दोनों पति-पत्नी को कोई नुकसान नहीं पहुंचे इसका पुलिस ध्यान रखे और यदि कोई भी परेशानी के बारे में पति-पत्नी पुलिस को शिकायत करे तो, पुलिस को तुरंत कानून के अनुसार कदम उठाये और उनको कोई नुकसान नहीं हो इसका ध्यान रखे । हाईकोर्ट ने केस की सुनवाई के दौरान युवती के एडवोकेट पिता और अन्य परिवारजनों के अलावा समग्र प्रकरण में युवती के परिवारवालों की तरफदारी करनेवाले गांधीनगर इन्फोसीटी पुलिस की कड़े शब्दों में आलोचना की थी । हाईकोर्ट ने गांधीनगर इन्फोसीटी पुलिस के जवानों की निष्ठा के विरूद्ध गंभीर सवाल उठाकर समग्र मामले में गांधीनगर डीएसपी के संदर्भ में सुरक्षा के आदेश दिया गया था । अर्जीकर्ता पति की तरफ से एडवोकेट हार्दिक बी. चंपावत ने पेशकश करते हुए कहा है कि, अर्जीकर्ता पेथापुर की एक कंपनी में सुपरवाइजर के तौर पर डयुटी करते है और स्थानीय युवती के साथ प्रेम होने पर उन्होंने २१.२.२०१७ को कानून के अनुसार शादी की गई और इसका रजिस्ट्रेशन भी अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के रजिस्ट्रार समक्ष करायी थी ।