कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सौराष्ट्र प्रवास के चुनाव प्रचार को काफी अच्छा प्रतिसाद मिलने पर एक तरफ गुजरात कांग्रेस में जबरदस्त उत्साह और नई उर्जा देखने मिल रही हैं । राज्य में फिलहाल के विवाद और सवाल को लेकर भाजपा में चिंता का चिंता की लहर फैली हैं । राहुल के तीन दिवसीय सौराष्ट्र प्रवास और रोड शो और लोकसंवाद -जनसभा ने नेशनल मीडिया ने नोंध ली हैं । चोटीला मंदिर में दर्शन, खोडलधाम की मुलाकात, और स्थानिक ग्रामीण महिलाओं के साथ चाय की चुस्की हो राहुल का सरल और सादगीभरा बर्ताव छाया रहा । राहुल के सौराष्ट्र जोन मंे प्रवास की सफलता ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी हैं । साल २००२ के बाद पहली बार होगा कि राज्य के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर नरेन्द्र मोदी नहीं होगे जिससे भाजपा के लिए इस बार के चुनाव मार्जिन से जितना सबसे बड़ी चुनौती होगी । उत्तरप्रदेश की तरह भाजपा चुनाव में बड़ी जीत प्राप्त करना चाहती हैं । लेकिन भाजपा के सामने सबसे बड़े सवाल हार्दिक पटेल का पाटीदार आरक्षण आंदोलन, जिला पंचायत के चुनाव में भाजपा की हार, दलित के सामने अत्याचार के कारण भाजपा की निंदा, किसानों को नुकसान को लेकर सरकार पर आक्रोश, ओेबीसी ठाकोर समाज को मनाने के प्रयास भाजपा के लिए फिलहाल तो परेशानी भरे हैं । कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने युवा रोजगार और किसान अधिकार के सूत्रों के साथ युवाओं को रोजगार और किसानों का कर्ज माफ करने के वादे कर इस वर्ग को विश्वास में लिया गया हैं । राहुल गांधी ने अपने तीन दिवसीय चुनाव प्रचार प्रवास के दौरान सौराष्ट्र राजकोट के कई मंदिरों में दर्शन कर उनकी मूल भारतीय संस्कृति और आस्था के दर्शन करने का प्रयास किया था । जीएसटी और नोटबंदी से पीडित व्यापारियों से बैठक आयोजित की और स्थानिक ग्रामीण महिलाओं के साथ चाई की चुस्की ली थी ।