राज्य में तम्बाकू पर स्पष्ट प्रतिबंध होने पर भी खुलेआम इसकी घोषणाएं हो रही है और साइनबोर्ड खुलेआम रखकर इसके सेवन के लिए नागरिकों को भड़काया जाता है यह मतलब का मुद्दा उपस्थित करते हुए पीआईएल गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल हुई है । हाईकोर्ट ने यह केस में राज्य सरकार, बडौदा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन सहित के संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी करके केस की आगे की सुनवाई दो सप्ताह के बाद मुकर्र की गई है । हाईकोर्ट ने सत्ताधीशों को यह मामले में जरूरी खुलासा करने की सूचना दी गई है । पीआईएल में यह पेशकश किया गया है कि, तम्बाकू पर कानून में प्रतिबंध लगाया गया है और इसकी घोषणा या बिक्री अब प्रतिबंधित होने पर भी शहर सहित राज्यभर में तम्बाकू की खुलेआम घोषणा और बेचा जा रहा है । इस बारे में कानून है लेकिन यह सिर्फ कागज पर हो ऐसा लगता है, इसका वास्तविक कार्यान्वयन कराने में राज्य सरकार सहित के सत्ताधीश विफल गये है । पान के गल्ले सहित के विभिन्न स्थलों पर तम्बाकू के साइनबोर्ड और घोषणा का खुलेआम निदर्शन किया जा रहा है । सत्ताधीशों के ध्यान में यह सच्चाई होने पर भी वह नजरअंदाज किया जा रहा है । यह संजोग में हाईकोर्ट में पीआईएल करना अनिवार्य हो गया है । हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित के संबंधित सत्ताधीशों को तम्बाकू के प्रतिबंध के बारे में कानून को सख्त तरीके से कार्यान्वयन करने सहित के जरूरी आदेश जारी करना चाहिए । पीआईएल की पेशकश सुनने के बाद हाईकोर्ट ने ऊपर के अनुसार नोटिस जारी करके सरकार सहित के सत्ताधीशों के पास से दो सप्ताह में खुलासा मांगा गया है ।