भाद्रपद की पूर्णिमा को लेकर अंबाजी मेले के दौरान पैदलयात्री-भक्तों को आ रही परेसानी सहित के मुद्दे पर गुजरात हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल हुई है । अंबाजी में प्रवेश करने पर ही मंदिर तक के रास्ते की फूटपाथ पर दुकानों की मंजूरी सत्ताधीशों ने दी गई होने के कारण हजारों भक्त पैदलयात्रियों को रास्ते पर चलना पड़ेगा और इसी वजह से दुर्घटना और उनकी जान को खतरा पैदा हो गया है ऐसी दहशत पीआईएल में व्यक्त की गई थी । हालांकि सरकार द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष ऐसा निवेदन दिया गया था कि, भाद्रपद की पूर्णिमा के पहले एक सप्ताह तक अंबाजी में प्रवेश से मंदिर तक के रूट पर वाहनों और पार्किंग के लिए प्रतिबंध लगाया जाएगा । हाईकोर्ट ने केस की आगे की सुनवाई बुधवार को रखी गई थी । पीआईएल में यह पेशकश की गई थी कि, प्रसिद्ध यात्राधाम अंबाजी मंदिर में भाद्रपद की पूर्णिमा के दर्शन के लिए गुजरात और देश-विदेश से लाखों भक्त माताजी के दर्शन करने के लिए आते है । हजारों लोग अंबाजी माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से, गांवों, शहरों से पैदल चलकर आते है । उनके लिए रास्ते में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर विश्रामस्थान और चाय-पानी, शरबत के केन्द्र भी बनाये जाते है । पैदल यात्री कई किलोमीटर से पैदल चलकर अंबाजी दर्शन के लिए आते है तब अंबाजी की तरफ हिम्मतनगर से और दांता की तरफ से कनेक्ट करते रूट पर से जहां अंबाजी में प्रवेश करे या मंदिर तक के रूट पर की फूटपाथ पर स्थानीय सत्ताधीशों द्वारा दुकानों की मंजूरी दिए जाने से पैदलयात्रियों को अब रास्ते पर चलकर यात्रा करना पडता है और इसके कारण गंभीर दुर्घटना या -उनकी जान को खतरा पैदा हो गया है
પાછલી પોસ્ટ