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कांग्रेस ने ८ बागी विधायकों को ६ साल के लिए सस्पेन्ड किया

कांग्रेस ने आखिर में क्रोस वोटिंग करने वाले और पार्टी के व्हीप का उल्लंघन करने वाले कांग्रेस के ८ बागी विधायकों को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया हैं । कांग्रेस पार्टी द्वारा पार्टी के साथ गद्दारी करने वाले विधायाकों को यह शिक्षात्मक सजा सुनाने से गुजरात की राजनीति मंें फिर एक बार सनसनी फैली हैं । राज्यसभा का चुनाव पूरा होने के बाद ही कांग्रेस आक्रमक रवैया का परिचय दे रही हैं । कांग्रेस ने बागी विधायकों के खिलाफ शिक्षात्मक कदम उठाए हैं । दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी अब यह बागी ८ विधायकों दूसरी कोई पार्टी से इलेक्शन नहीं लड़ सके इसके लिए जनप्रतिनिधी एक्ट के तहत विद्यायक के तहत आवश्यक कार्रवाई शुरु कर दी हैं . कांग्रेस द्वारा सस्पेन्ड किए गए बागी विधायकों में शंकरसिंह वाघेला, उनका बेटा महेन्द्रसिंह वाघेला, राघवजी पटेल, भोलाभाई गोहिल, सीके राउलजी, अमित चौधरी, करमशी पटेल, धर्मेन्द्रसिंह जाड़ेजा शामिल हैं । उल्लेखनीय है कि शंकरसिंह वाघेला द्वारा कांग्रेस पार्टी छोड़ने के बाद ६ विधायकों ने कांग्रेस पार्टी से इत्सीफा दे दिया था । जबकि बापू और अन्य उनके समर्थक ७ विधायक कल राज्यसभा के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के व्हीप का उल्लंघन कर उनके उम्मीदवार अहमद पटेल को वोट देने की जगह उनका वोट भाजपा के उम्मीदवार को दिया था । जिसके कारण कांग्रेस के अहमद पटेल को जीत हासिल करने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा हैं । हालांकि राज्यसभा का चुनाव पूरा होने के साथ ही कांग्रेस ने आक्रामक मिजाज का परिचय सभी को करवा दिया हैं । सभी सात बागी विधायकों को छह साल के लिए पार्टी में से निकाल दिया हैं । कांग्रेस पार्टी की यह शिक्षात्मक कार्रवाई को दूसरी तरफ पार्टी के वफादार और अहमद पटेल को जीताने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले विधायकों को सही ठहराया हैं । पार्टी के वफादार विधायकों ने कहा कि पार्टी के साथ गद्दारी करने वाले विधायकों के कारण पार्टी की छबि खराब हो रही हैं और लोगों में गलत संदेश गया हैं । जिसके कारण यह कार्रवाई सही हैं । कांग्रेस ने राज्यसभा के चुनाव पूरे होने के साथ ही शिक्षात्मक कार्रवाई की हैं और संदेश दे दिया हैं कि पार्टी के खिलाफ कोई प्रवृत्ति को नहीं चलाया जाएगा । कई इकाई के पास फायर लाइसेंस नहीं है एन्वायरमेन्ट पोलिसी के नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है लेकिन कार्यवाही करे कौन यह बड़ा प्रश्न है । सबसे बड़ा आश्चर्यजनक बात यह है कि, मेयर द्वारा की गई घोषणा को आज डेढ़ वर्ष बीत चुका है फिर भी अभी भी फायर के जवानों को उनका ड्रेस या बूट नहीं मिला है ।

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