कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल राज्यसभा की प्रतिष्ठा समान चुनाव में जीतने पर गुजरात प्रदेश कांग्रेस और यूथ कांग्रेस द्वारा शानदार उत्सव मनाया गया था । ढोल-नगारा बजाकर गुलाल की उड़ाकर मीठाई बांटी गई, पटाखे फोड़कर अहमद पटेल की जीत का जश्न शानदार तरीके से मनाया गया था । यूथ कांग्रेस द्वारा भी लालदरवाजा ऑफिस में विजय उत्सव मनाया गया था । इस प्रकार से राज्य के सभी जिला-तहसील केन्द्रों पर भी स्थानीय कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा अहमद पटेल की जीत का जश्न शानदार तरीके से रैली करके जुलूस निकाला गया था । भाजपा को अहमद पटेल की जीत इतने हद तक निराश कर दी थी कि, अहमद पटेल की जीत इर्ष्या में भाजपा के कार्यकर्ताओं से लेकर टोप के नेता अमित शाह और स्मृति ईरानी के विजय उत्सव को चाहिए वह प्रकार की खुशी से नहीं मना सके थे । देर रात से लेकर दिनभर भाजपा के नेता छोटे बच्चे के जैसे कांग्रेस अन्याय करके से जीत गई है ऐसा कहा गया था इतने बड़े हो गये फिर भी भाजपा को यह समझ में नहीं आता है कि, जीत तो आखिर में जीत ही जीत होती है । अहमद पटेल की हार भाजपा को इसलिए बर्दाश्त नहीं हो रही थी क्योंकि, इसके लिए यह गुजरात सहित देश की राजनीति में यह प्रतिष्ठा का जंग था और इसमें भाजपा विशेष करके अमित शाह की कूटनीति दाव पर लगी हुई थी और इसमें वह हार गये कोई भी तरीके से भाजपा और इसके नेताओं से बर्दाश्त नहीं हो रहा था । भाजपा ने कमलम् पर इसके विजयी उम्मीदवारों के लिए विजय उत्सव की तैयारियां करके रखी थी यानी कि बताने के लिए अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत का जश्न मनाया लेकिन निराशा दिखाई दे रही थी ।