राज्य में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में काफी तेजी से राहत और बचाव कामकाज अभी भी चल रहा है जिसके कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थल पर भेजने में सफलता मिली है । पानी में फंसे लोगों को भी बचाया गया है । यह सामूहिक कामकाज के कारण अभी तक १८६८८ लोगों को मौत के मुंह से बचाया जा सका है । मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के मार्गदर्शन के तहत राज्य सरकार ने असरग्रस्त क्षेत्रों में जिस तेजी से राहत और बचाव के लिए काम शुरू किया गया है इस बारे में जानकारी देते हुए राहत नियामक एजे शाह ने कहा है कि, वह असरग्रस्त क्षेत्रों में राज्य सरकार ने पहले से ही सूझबूझ से राहत-बचाव कामकाज शुरू किया था जिसके कारण काफी फायदा हुआ है और बड़ी संख्या में लोगों को बचाया जा सका है । वहीवटी प्रशासन के साथ हाल में सेना की नौ कोलम,एनडीआरएफ की ३३ टीमों, एसडीआरएफ की ११ टीमो, बीएसएफ की १८ टीमों की सेवा ली जा रही है । एयरफोर्स के १७ हेलिकॉप्टरों के अलावा फायरब्रिगेड तथा लोगों की श्रेष्ठ काम के कारण गुजरातभर में से अभी तक ११२८७८ लोगों का स्थानानांतर कराया गया है । बनासकांठा और पाटण जिले में कुल ५९११९ लोगों का सुरक्षित स्थानानांतर कराया गया है जबकि भारी बारिशग्रस्त साबरकांठा, मेहसाणा, महिसागर, गांधीनगर, अहमदाबाद, पंचमहाल, अरवल्ली, खेडा और आणंद जिले में असरग्रस्त निचलेवाले क्षेत्रों में से कुल २१२२२ लोगों का स्थानानांतर कराया गया है । अभी तक असरग्रस्त क्षेत्रों में १७ हेलिकॉप्टर द्वारा २०६ ट्रीप किया जा चुका है । कुल हेलिकॉप्टरों द्वारा ८४५ लोगों को बचाया गया है । राज्यभर में अभी तक १८६८८ लोगों के प्राण बचाये जा सके है । राज्य में बारिश संबंधित घटनाओं में मौत का आंकड़ा बढ़कर २१९ पर पहुंच गया है जबकि कुल ४२२५ पशु शवों को वैज्ञानिक स्तर पर निराकरण लाया गया है । महामारी को रोकने के लिए विशेष आयोजन किया गया है । बनासकांठा जिले में राज्य सरकार ने पीने के पानी के लिए १३४ अतिरिक्त टेन्कर रखे गये है । बारिश असरग्रस्त ८८३ स्वास्थ्य टीमों द्वारा १९.३४ लाख लोगों का सर्वे किया गया है । बनासकांठा -पाटण जिला के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में ९० डॉक्टर अधिकारियों और ४० डॉक्टर कार्यकर्ता बाहर से लगाये गये है । फिलहाल जिले में २२५ डॉक्टर अधिकारी सक्रिय हो गये है ।
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