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मुझपर नहीं, झारखंड सरकार के खिलाफ होना चाहिए मुकदमा : तेज प्रताप

राजद नेता तेजप्रताप यादव ने झारखंड पुलिस से उनपर और उनके साथ अन्य लोगों पर कोविड-19 लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन को लेकर दर्ज केस को हटाने की मांग की है। तेजप्रताप ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि- ‘यह केस झारखंड सरकार के खिलाफ होना चाहिए था। जब मैं अपने पिता से मिलने गया था तो वहां की सरकार से ठहरने के लिए एक गेस्ट हाउस की मांग की थी। लेकिन ये उपलब्ध नहीं कराया गया। मैं रोड पर तो नहीं सो सकता।’ उन्होंने कहा कि उनके काफिले में चार ही गाड़ी थी। बाकि जो भी लोग आए थे इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी। उल्लेखनीय है कि झारखंड पुलिस ने बीते 29 अगस्त के तेजस्वी यादव पर विभिन्न धाराओं 188, 269, 270 और आइपीसी की धार 34 के तहत रांची के चुटिया पुलिस स्टेशन में सर्किल ऑफिसर(सीओ) की ओर से लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी। सीओ को कोविड-19 नियमों की अनदेखी कर तेज प्रताप को होटल में कमरा उपलब्ध कराने की सूचना मिली थी। इस संबंध में सीओ ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि तेजप्रताप और उनके साथ के अन्य लोग संबंधित अथॉरिटी के अनुमति के बिना ही होटल में ठहरे थे। इसके अलावा उन्होंने होम क्वारंटाइन का भी पालन नहीं किया। यह सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन के साथ-साथ महामारी उन्मुलन एक्ट के खिलाफ भी है। उन्होंने बताया कि तेज प्रताप रांची में आने के बाद अपने पिता लालू प्रसाद यादव से मिलने के दौरान जिस होटल में ठहरे थे उस होटल मालिक और मैनेजर के खिलाफ भी धारा 188 और आईपीसी 34 के तहत केस दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव बीते 27 अगस्त को अपने पिता और बिहार के पूर्व मुख्य मंत्री लालू प्रसाद यादव से मिलने रिम्स के डायरेक्टर के बंग्ला में पहुंचे थे। जहां एक होटल में बिना अनुमति के ठहरने को लेकर उनपर केस दर्ज किया गया था।

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