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नये भारत के निर्माण में बढ़त ले : स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री द्वारा लोगों को संदेश

मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने ७३वां स्वतंत्रता दिवस पर गुजरात के सभी नागरिक भाई-बहनों से अपील किया है कि नये भारत के प्रधानमंत्री संकल्प में गुजरात बढ़त लेगा । इसके लिए उन्होंने गुजरातियों के शक्ति सामर्थ्य से शानदार जानदार गुजरात बनाने का कोल दिया गया है । मुख्यमंत्री ने ‘एक और सूर्य उगाना है-अंबर से ऊंचा जाना है, नया भारत बनाना है’ मंत्र देते सभी को देश के लिए जीना, कण-कण-क्षण-क्षण राष्ट्र उत्थान के लिए समर्पित करने के लिए प्रेरणा दी है । गुजरात के मेरे भाईयों और बहनों को स्वतंत्रता दिवस पर आप सभी को शुभकामनाएं । देश ७३वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है । यह स्वतंत्रता दिवस पर मूल जिनको सींचा है ऐसे आजादी के सभी स्वतंत्रतासेनानी, क्रांतिकारी कई नामी-अनामी ऐसे सभी लोगों को आज के दिन पूण्य स्मरण करके हम उनको प्रणाम करते हैं । वर्षों के लगातार संघर्ष ब्रिटिशरों के डंडे मारकर, गोलियां खाकर कई विरला ने फांसी के तख्ता पर चढ़कर यह आजादी दिलायी है । खुदीराम बोज, भगतसिंह सुखदेव, राजगुरु, वीर सावरकर, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, लोकमान्य तिलक ऐसे कई लोगों ने देश का नेतृत्व करके सुभाषचंद्र बोज जैसे लोगों ने आजाद हिंद फोज बनाकर ब्रिटिशरों के विरूद्ध लड़ते-लड़ते हमें आजादी दिलाई है । देश के लिए मर जाने वाले, जान कुरबान करने वाले, सभी लोगों को प्रणाम करने का अवसर है । सात दशकों से आजादी की क्लाइमेट में हम जी रहे हैं । हमें स्वराज्य मिला १९४७ में लेकिन भारत के नक्शा का नया राष्ट्र के तौर पर उदय हुआ और गुजरात की धरती के दो महान पुत्र महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल ने यह लड़ाई का नेतृत्व करके आजादी दिलाई । देश के प्रथम गृहमंत्री सरदार साहब ने देश के रजवाडा का विलय करके नवाब को भगाकर, निजाम को दबाकर एक राष्ट्र बनाने का काम किया है । लेकिन कश्मीर में ३७० की अनुच्छेद ३५ए की वजह से जैसे कश्मीर भारत से अलग हो ऐसा दुर्भाग्य से स्टेटस बन गया । कश्मीर का अलग दर्जा हमारे देश में अलगाववाद पैदा किया । डॉ. श्यामाप्रसाद मुखरजी ने अपने जान की बाजी लगाकर कश्मीर के लिए लड़ाई लड़ी । नहीं चलेगा नहीं चलेगा एक राष्ट्र में दो निशान दो विधान दो प्रधान । कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए श्यामाप्रसाद मुखरजी ने अपना बलिदान दे दिया । कश्मीर घाटी में वर्षों तक सात सात दशक तक अलगाववादियों ने आतंकवाद को बढ़ाते गये । ४१ हजार से ज्यादा निर्दोष लोग आतंक का शिकार बन गये । जान गंवाया । कश्मीर सात दशक से विकास से वंचित रहा । भारत का स्वर्ग कश्मीर यह नर्क बन गया इतना ही नहीं यह कहे कि देश को स्वराज्य मिला लेकिन कश्मीर की समस्याओं में यह सपना अधुरा दिखाई दिया । स्वराज्य का सपना १५ अगस्त, १९४७ में दो सपूत गुजरात के गांधीजी और सरदार साहब ने साकार किया । इसी तरीके से गुजरात के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने ७२ वर्ष बाद ५ अगस्त, २०१९ को पूर्ण स्वराज्य के लिए कश्मीर में हम यह कहे कि कश्मीर का मुकुट लेकर भारत माता के ललाट पर इसे पूर्णकालीन रूप से सुशोभित किया । ३७० अनुच्छेद हटाकर ३५ ने धारा हटाकर और सवासो करोड़ भारतीयों के लिए सही अर्थ में यह आजादी पर्व एक ऐतिहासिक अवसर बन रहा है । भाई-बहनों ने गुजरात में भी हमारी सरकार ने गांधी, सरदार, नरेन्द्र मोदी, अमित शाह के पदचिन्हों पर चलकर स्वराज्य के बाद सुराज्य गुड-गवर्नन्स अपनाकर स्थापित किया है ।
आजादी पहले डाई फॉर द नेशन और अब लीव फॉर द नेशन । देश में पोलीटिकल डेवलपमेन्ट का नया युग विकास की राजनीति स्थापित किया है । सिर्फ सरकार चलाना नहीं सत्ता में बने रहना ऐसा सिमित उद्देश्य नहीं है । लेकिन सरकार यह लोगों के लिए, अच्छे तरीके से लोगों के सपने को साकार करती सरकार आगे बढ़ाना । सरकार लोगों के लिए, लोगों के द्वारा, लोग द्वारा, लोगों के सपने को सिद्ध करे और यानी कि हम लोगों ने गुजरात में पारदर्शिकता, संवेदनशीलता, निर्णायकता, प्रगतिशीलता के चार स्तंभों पर जनकल्याण का उद्देश्य निश्चित करके हम आगे बढ़ रहे हैं ।

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