Aapnu Gujarat
બ્લોગ

कश्मीर की यह एतिहासिक ईद

कश्मीर ने कांग्रेस तथा कई अन्य विपक्षी दलों को बड़ी दुविधा में डाल दिया है। इन दलों के कई प्रमुख नेता (कश्मीर के मामले में) खुलकर सरकार का समर्थन कर रहे हैं बल्कि कश्मीर के पूर्व महाराजा और सदरे-रियासत डाॅ. कर्णसिंह ने भी अमित शाह के फैसले पर मुहर लगा दी है। मोदी सरकार ने कांग्रेसी सरकारों के अधूरे काम को पूरा किया है। इंदिराजी ने तरह-तरह के प्रावधान करके धारा 370 को इतना पतला कर दिया था कि यह पता चलाना मुश्किल हो गया था कि वह दूध है या पानी है। आज के कांग्रेसियों को इंदिरा का ताज़ मोदी के सिर पर रखना चाहिए था लेकिन राहुल, गुलाम नबी और कुछ नए-नए मुल्ला बने कांग्रेसी नेताओं ने कांग्रेस को कब्र में लिटा दिया है। देश के कई प्रांतों के कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता मुझसे पूछ रहे हैं कि हमारे नेतृत्व को क्या हो गया है ? कश्मीर के सवाल पर डाॅ. कर्णसिंह के सामने कांग्रेस की पूरी कार्यसमिति की राय दो कौड़ी के बराबर भी नहीं है। देश में कुछ नेताओं के अलावा किस पार्टी के कार्यकर्ता इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं ? देश की लगभग सभी सामान्य जनता इस कदम का स्वागत कर रही है। कश्मीर के सवाल पर नरेंद्र मोदी का पूरा भाषण कल मैंने कार में यात्रा करते-करते सुना। मुझे लगा कि मोदी में एक राष्ट्र-नेता का सच्चा स्वरुप विकसित हो रहा है। धारा 370 और 35 ए के विरुद्ध जितने भी तर्क मैंने पिछले एक माह में सूत्र रुप में दिए थे, मोदी ने विस्तार से उनकी व्याख्या की और ठोस उदाहरण भी दिए। उन्होंने अपनी पुरानी आदत के मुताबिक विपक्ष या कश्मीर की जनता पर शब्द-बाण नहीं बरसाए बल्कि उनके घावों पर मरहम लगाया। भारत-जैसे विशाल और लोकतांत्रिक देश के नेता के लिए यही शोभनीय है। मेरी अपनी राय यह है कि सरकार के इस फैसले से कश्मीर के कुछ ठेकेदार नेताओं का नुकसान जरुर होगा लेकिन कश्मीर की जनता का फायदा ही फायदा है। उन्हें वे सब अधिकार मिलेंगे, जो प्रत्येक भारतीय नागरिक को मिले हुए हैं। वह शीघ्र ही पूर्ण राज्य भी बनेगा और उसकी कश्मीरियत की भी रक्षा होगी। बस बिचैलियों (नेताओं) की लूट बंद हो जाएगी। आतंकवादियों के हौंसले पस्त होंगे। कश्मीरी नेताओं को अब अखिल भारतीय नेतृत्व के मौके आसानी से मिलेंगे। बेहतर हो कि वे कश्मीर की जनता को भड़काने की बजाय उसे इस बार की एतिहासिक ईद मनाने दें। यह ईद कश्मीर की आजादी की ईद है। इस ईद पर कश्मीर सामंतवाद, संप्रदायवाद, आतंकवाद और भ्रष्ट नेताओं के चंगुल से आजाद हुआ है।

Related posts

વેલેન્ટાઇન પર મહિલાઓની તુલનામાં પુરૂષો કરે છે સૌથી વધુ ખર્ચ

aapnugujarat

૮૪ ટકા ભારતીય પાર્ટનરને પાસવર્ડ આપે છે : અહેવાલ

aapnugujarat

विदेश में सेटल हैं कश्मीर के 112 अलगाववादी नेताओं के 220 बच्चे, घाटी में युवकों से फेंकवाते हैं पत्थर

aapnugujarat

Leave a Comment

UA-96247877-1