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म्युनि. में कौभांडी कोन्ट्राक्टरों को कोन्ट्राक्ट देने पर भारी विवाद

मंगलवार के दिन मिली स्वास्थ्य कमिटी की बैठक में मंजूर किए गए और कल मिलने वाली स्टेन्डिंग कमिटी की बैठक में मंजूरी के लिए रखी गई डोर टु डम्प प्रोजेक्ट के तहत जो कोन्ट्राक्टर को ३०० करोड़ का सफाई का पांच साल का कोन्ट्राक्ट दिया गया हैं । उसमें ओर दो कोन्ट्राक्टरों के सामने पहले कौभांड किए होने का आरोप होने के बावजूद विधानसभा चुनाव निकट आने पर फंड लेने के लिए यह प्रस्ताव कल पारित होगा । मिली जानकारी के अनुसार गत दिन मिली हेल्थ कमिटी की बैठक में शहर के छह जोन में डोर टु डम्प प्रोजेक्ट के तहत कचरे को मुख्य डम्प साइट तक पहुंचाने के लिए प्रति टन रुपये १५२५ की कीमत से छह कोन्ट्राक्टर के बीच कार्य बांटा गया हैं । जिसमें चार पुराने और करोड़ों की पेनल्टी चुकाए हुए कोन्ट्राक्टरों को फिर पांच साल के लिए कार्य सौंपा गया हैं । इसके साथ ही पहले म्युनिसिपल कोर्पोरेशन के लिए यह कार्य कर चुके और फिर रद्द किए गए विश्वशक्ति नाम के कोन्ट्राक्टर ने सिर्फ संस्था का नाम बदलकर ग्लोबल एजेन्सी कर देने पर उसे फिर से पांच साल के लिए कार्य सौंप दिया गया हैं । यह एजेन्सी ने पहले २०११-१२ में दक्षिणजोन में सिर्फ एक साल में ही काम आधा छोड़ा था । छह कोन्ट्राक्टरों में सबसे अधिक विवादी कोन्ट्राक्टर कनक रीसोर्सीस हैं इस एजेन्सी को पहले नागपुर म्युनिसिपल कोर्पोरेशन में सफाई का कोन्ट्राक्ट दिया गया था । उस दौरान संस्था ने १७ करोड़ का कौभांड करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई थी । एक रिपोर्ट अनुसार मार्च २००८ में नागपुर म्युनिसिपल कोर्पोरेशन को कनक रिसोर्सीस के साथ कचरे के निकाल के लिए कोन्ट्राक्ट सौंपा गया था । सात साल में भी कभी उसने यह कार्य नहीं किया था । फिर भी हेल्थ विभाग द्वारा गत दिन फिर से उसे यह कार्य सौंपा गया हैं। मामले में डायरेक्टर ओफ सोलीड वेस्ट हर्षद सोलंकी ने कहा कि उनके ध्यान में ऐसा कोई कौभांड नहीं आया हैं ।

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