पंजाब नेशनल बैंक को करोड़ों रुपए का चूना लगाने वाला भगोड़ा नीरव मोदी इस समय लंदन की जेल में बंद है। उसने चौथी बार जमानत की अर्जी दाखिल की है। उसके मामले पर इंग्लैंड एंड वेल्स की उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई शुरू की। वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेस कोर्ट ने तीन बार उसकी जमानत याचिका को खारिज किया है। इसी अदालत में उसे भारत प्रत्यर्पित करने के मामले की सुनवाई चल रही है। वह आर्थिक धोखाधड़ी के मामलों का सामना कर रहा है।
मोदी पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। उसे आखिरी बार आठ मई को मुख्य न्यायाधीश एम्मा आरबुथनोट ने फ्लाइट रिस्क (किसी शख्स के देश छोड़कर चले जाने का अंदेशा) के कारण जमानत देने से मना कर दिया था। इसके अलावा कथित धोखाधड़ी का पैमाना, पैसे तक पहुंच, संभावित रूप से गवाहों को प्रभावित करना और सबूतों को नष्ट करने के आधार पर भी जमानत नहीं दी गई थी।
नीरव की टीम ने मैजिस्ट्रेट कोर्ट में दो मिलियन पाउंड की सिक्योरिटी डिपॉजिट (सुरक्षा जमा राशि) देने और सख्त नियमों का पालन करने की पेशकश की थी। जिसमें 24 घंटे का कर्फ्यू भी शामिल है लेकिन इसके बावजूद उसे जमानत देने से अदालत ने इनकार कर दिया था। इससे पहले 30 मई को लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में नीरव की जमानत पर कोई चर्चा नहीं हुई थी और कोर्ट ने उसकी न्यायिक हिरासत 27 जून तक बढ़ा दी थी। वेस्टमिंस्टर कोर्ट के तीन बार जमानत अर्जी खारिज करने के बाद नीरव के पास उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार था।
नीरव की लीगल टीम का कहान है कि हिरासत में उनके मुवक्किल का अनुभव बेहद डरावना है। वह अदालत द्वारा तय की गई किसी भी जमानत शर्तों का पालन करने को तैयार है क्योंकि वैंडस्वर्थ जेल में बंद होने के कारण मामले की प्रभावी तैयारियां लगभग असंभव बन गई है। पीएनबी घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी नीरव को 19 मार्च को स्कॉटलैंड यार्ड ने लंदन के मेट्रो बैंक की ब्रांच के बाहर से गिरफ्तार किया था, जहां वह अपना खाता खुलवाने गया था।