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राजस्थान पुलिस ने गांधीनगर पुलिस से क्यों किया 20 लाख का तोड….?

गांधी के गुजरात में शराब के लिए प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन गुजरात पुलिस के लिए फिलहाल कोई रोक टोक नही है गुजरात में मात्र गुजरात पोलिस ही शराब के अड्डे चला सकती है। ज्यादा जानकारी के लिए हम गुजरात पुलिस के एक अधिकारी ने खुद शराब से भरी तीन ट्रक का सौदा कर गुजरात के लिए बुकिंग करवा दी। लेकिन राजस्थान पुलिस ने गुजरात पुलिस से 20 पेटी के तोड कर एक पुलिस की वास्तविक छवि को साफ कर दिया है। जिस ट्रक में शराब भर के आ रही थी उस ट्रक में गुजरात पुलिस के दो जवान भी थे। दोनों जवान दारु भरी ट्रक बोर्डर पार करवाने के लिए हमेशा उपयोग में आते थे। गुजरात में जितने भी दारु के कारोबार के लिए बुटलेगर खुद हप्ता देकर बिंदास दारु का कारोबार कर सकता है।
लेकिन दारु के लिए गुजरात सरकार उपरी मन से व्यसन मुक्ति के लिए अनेक कार्यक्रम करती है। पुलिस के उपर गुजरता सरकरा ने देखा देखी मोनटरिंग नी रचना करी छे परंतु मोनटरिंग किस तरह काम करती है ये हम सबको खब़र है। गुजरात में कानुन के रखवाले ही दारु का कारोबार करते नजर आ रहे है। 23 मई के दिन लोकसभा के चुनाव की मतगणना की जा रही थी उस वक्त गांधीनगर के एक पुलिस इस्पेक्टर के द्वारा राजस्थान से अच्छी क्वोलिटी की दारु तीन ट्रक भर के मंगवाई गई। एक बात तो सत्य है कि चुनाव के रिजल्ट के दिन इस पुलिस इस्पेक्टर ने दारु किस के लिए मंगवाया ये तो एक जांच का विषय बन गया है। 
शराब भर के ला रहे गुजरात पुलिस स्टाफ के आदमी को राजस्थान पुलिस ने पकड कार्यवाही करनेका निर्णय कर लिया लेकिन अपने पुलिस कर्मीओं को छुडाने के लिए गुजरात पुलिस के इस्पेक्टर ने एडी चोटी का जोर लगा दिया अगर कही पुलिस शिकायत हुई तो चिंता का विषय बन जायेगा इस लिए गुजरात पुलिस ने राजस्थान पुलिस को 20 लाख रुपय में मनाने के लिए बात चीत करना शुरु कर दिया, और तब जा के कही राजस्थान पुलिस ने गुजरात पुलिस से 20 लाख रुपय केस लेकर मामले को रफा दफा कर दिया। 
गुजरात में कई अनेक क्वोलिटी के दारु के अड्डे गुजरात में चलाये जा रहे है जिनकी नजर गुजरात के आला अधिकारीओं को शायद ही पता होगा लेकिन थाना प्रभारी को दारु के अड्डे के बारे में न पता हो एया हो नही सकता। देशी दारु के कारोबारिओं को थाना प्रभारि के आदमी हेरान परेशान करते रहते लेकिन चुनाव के समय इतनी बडी डील हो गई क्या अब गुजरात सरकार अथवा गृह मंत्री प्रदीपसिह जाडेजा इस डील पर कार्यवाही करेगें क्या 20 लाख में हुआ व्येवहार करने वाले पुलिस अधिकारी को नौरी से सस्पेन्ड करेगें क्या वो एक जांच का प्रश्न है…?
गांधीनगर डी.एस.पी दप्तर से 2 किलोमीटर की दुरी पर बसी है। एक तरफ सरकार कडक कार्यवाही की दुहाई देती है तो दुसरी तरफ सचिवालय के बाजु में बैठे पुलिस अधिकारीओ खुद शराब की भरी ट्रको की दलाली करते नजर आ रहे है। अथवा ये कहे कि खुद दारु से भरी ट्रको का कारोबार करते नजर आ रहे है। कानुन की किताब सिर्फ रू 30 की थेली पीने वाले नागरिक के लिए ही है। गुजरात पुलिस देशी दारु के अड्डो पर जाकर बुटलेगर को धाक धमकी देकर आते है क्या ये कायदा अब दारु की हेरा फेरी कर रहे पुलिस अधिकारीओं को सरकार सुकायेगी क्या…?

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