गुजरात सरकार के ‘खुशबु गुजरात की’ के विज्ञापन के मार्फत राज्य के पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया था । इस प्रयास में सफलता भी मिलती दिखी, लेकिन एक तरफ राज्य में जहां पर्यटकों की संख्या बढ़ी वहीं गुजरात पर्यटन विकास निगम (टीजीसीएल) के लाभ में भारी कमी देखी गई है ।
उधर पर्यटकों की संख्या पर गौर करें तो पाएंगे कि २०१५-१६ में ३८३.११ लाक पर्यटक गुजरात आए थे वहीं २०१६-१७ में यह संख्या बढ़कर ४४८ लाख हो गई । इस तरह पर्यटकों में १६.९४ फीसदी की वृद्धि हुई । पर्यटन विभाग की ओर से देश व विदेश से आने वाले पर्यटकों को गुजरात के रहन-सहन व लोकसंस्कृति नजदीक से देखने को मिलने के हिसाब से राज्य सरकार की ओर से होम स्टेट नीति भी अमल में लाई गई थी ।
इस योजना के कारण स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलने की बात कही गई है । लेकिन विभाग को अब तक सिर्फ २२० आवेदन ही मिल सके हैं, इनमे से ५३ आवेदनों को मंजूर किया गया है । राज्य विधानसभा में निगम की समीक्षा की वार्षिक रिपोर्ट पेश की गई । इस रिपोर्ट के मुताबिक निगम को वर्ष २०१५-१६ में ३६.८० करोड़ का लाभ हुआ था, लेकिन वर्ष २०१६-१७ में यह लाभ घटकर २४.६१ करोड़ रह गया । इस तरह एक वर्ष में पर्यटन निगम के लाभ में करीब १२ करोड़ की कमी देखी गई ।
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