गुजरात में 8 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने कांग्रेस की तमाम सीटों पर कब्जा जमा लिया है।इन तमाम सीटों पर 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत हुई थी। बीजेपी ने भारी खींचतान के बाद मोरबी सीट से जीत हासिल करने में कामयाब रही।कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए ब्रिजेश मेरजा को भारतीय जनता पार्टी ने टिकट दिया था। ब्रिजेश मेरजा ने कांग्रेस के उम्मीदवार जयंती पटेल से साढे चार हजार वोटों जीत हासिल की।
बीजेपी के ब्रिजेश मेरजा को 64,711 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार जयंती पटेल को 60,062 वोट हासिल किया। निर्दलीय उम्मीदवार परमार वसंतलाल 6649 वोट मिला।जबकि नोटा पर 2866 वोट पड़े। ब्रिजेश मेरजा के दलबदल से इसका असर ग्रामीण इलाकों में पड़ा। हालांकि भाजपा शहरी मतदाताओं को लुभाने में कामयाब रही।
मोरबी में भारी खींचतान देखने को मिला आज सुबह से कई बार कांग्रेसी उम्मीदवार जयंती पटेल ब्रिजेश मेरजा से आगे निकल गए थे। लेकिन कुछ राउंड के बाद ब्रिजेश मेरजा ने बढ़त हासिल कर ली।सिर्फ साढे चार हजार वोट से मेरजा को कामयाबी हासिल हुई। महत्वपूर्ण है कि मोरबी सीट की जिम्मेदारी भारतीय जनता पार्टी ने ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल को सौंपी थी।
सौरभ पटेल की अंतर्दृष्टि के कारण ही भाजपा मोरबी सीट जीतने में सफल रही।1962 से 2017 तक, मोरबी सीट पर 13 विधानसभा चुनाव हुए। जिसमें बीजेपी ने 7 बार और कांग्रेस ने 5 बार जीत दर्ज की है। वीवी मेहता ने 1967 में एक स्वतंत्र पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की।जबकि निर्दलीय उम्मीदवार बाबूभाई पटेल ने 1990 में चुनाव जीता था। मोरबी में 70,000 पाटीदार और 40,000 अल्पसंख्यक मतदाता है। मोरबी में पाटीदारों ने ब्रिजेश मेरजा को एक बार फिर से चुना है।