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Pakistan की मुश्किल बढ़ी, IMF ने कहा – रोक दो सरकारी कर्मचारियों की सैलरी

कंगाली के दौर से गुजर रहे पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि वो अपने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी रोक दे और आने वाले बजट में वित्तीय समेकन पर ध्यान दे। पाकिस्तान का कुल कर्ज वहां की अर्थव्यवस्था का 90 फीसदी तक पहुंच चुका है। अब पाक सरकार के लिए IMF की इन दो मांगों को पूरा करना मुश्किल हो रहा। द एक्सप्रेस ट्रिब्युन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारी कर्ज की वजह से इमरान खान सरकार के लिये वित्तीय समेकन आसान नहीं होगा। पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई ने भी लोगों की कमाई पर खासा असर डाला है। हालांकि, इस बीच पाक सरकार उन 67,000 सरकारी पोस्ट को खत्म करने के लिए बाध्य हो गई है, जो बीते एक साल या उससे अधिक समय से खाली हैं। इसके साथ ही अब सरकार विभिन्न विभागों के लिए वाहनों की खरीद पर भी रोक लगा दी है।
IMF ने सरकारी कर्मचारियों की सैलरी रोकने के अलावा, इमरान खान सरकार से कहा है कि आगामी बजट में प्राइमरी बजट घाटा लक्ष्य का भी ऐलान करे। IMF ने कहा है कि यह ब्याज भुगतान को छोड़कर पाकिस्तान की GDP का 184 अरब रुपए या 0.40 फीसदी होना चाहिए। 12 जून को पाकिस्तान सरकार बजट पेश करने वाली है। इमरान खान सरकार के लिए चुनौती होगा कि वो वित्तीय समेकन और आर्थिक ग्रोथ के लिए जरूरी कदम उठाये। ​पाकिस्तानी वित्त मंत्रालय ने IMF से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लगातार संपर्क में है। प्राइमरी बजट घाटे के लिए 0.40 फीसदी की जगह पाकिस्तान ने प्रस्ताव दिया है कि यह जीडीपी का 1.9 फीसदी होना चाहिए जोकि कुल 875 अरब रुपये होगा।इसके अलावा अगले वित्त वर्ष में ब्याज का भुगतान करीब 3 लाख करोड़ रुपए होगा जोकि GDP का 6.5 फीसदी है। इसका मतलब है कि IMF के अनुसार बजट घाटा 7 फीसदी होना चाहिए जबकि पाक सरकार इसे 8.4 फीसदी रखने के पक्ष में हेै जोकि 3.9 लाख करोड़ रुपए होगा।

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