भगवान जगन्नाथजी की पारंपरिक रथयात्रा का दिन निकट आ रहा है । अभी भगवान जगन्नाथजी ननिहाल में बिराजमान है । भगवान का मामेरा करने का अवसर है यह अलग मौका है । १४० वर्ष में पहलीबार भगवान के ननिहाल सरसपुर के निवासी बाबूभाई मावावाला को मामेरा करने का मौका मिलने पर पूरे सरसपुर में भव्य उत्सव का माहौल छा गया है । आगामी २० वर्ष तक भगवान के भक्तों ने मामेरा का बुकिंग करा लिया है ।भगवान जगन्नाथजी और भाई बलभद्र को तो सजावटरूपी मामेरा अर्पित किया गया, लेकिन बहन सुभद्रा के लिए विशेष मामेरा तैयार किए गए होने का बाबुभाई ने बताया था । माता पार्वती की श्रृंगार से लेकर सभी चीज तैयार करने के लिए श्रेष्ठ पसंदगी के लिए बाबुभाई मावावाला का परिवार मामेरा तैयार करने के लिए एक वर्ष से मेहनत कर रहे थे । यह परिवार ने पूरी की यात्रा की थी और श्रृंगार की तैयारी के लिए अलग-अलग स्थलों से अलग-अलग चीजवस्तुओं की पसंदगी की थी । बहन सुभद्राजी के लिए नथनी और चांदी की पायल के अलावा ज्वेलरी बंगाली डिजाइन से तैयार किया गया था । कच्छ और सूरत से कपडा लाकर भगवान के वस्त्र तैयार किया गया है । ड्रॉ सिस्टम से मामेरा के लिए मेहमान के तौर पर नाम की पसंदगी जारी होता है । हर वर्ष ड्रॉ सिस्टम होता है । इस वर्ष होनेवाले ड्रॉ में अब के बाद तीन वर्ष के मेहमानों के नाम निश्चित किया जाएगा । फिलहाल में वर्ष २०३५ तक के मामेरा का बुकिंग हो चुका है । इसी वजह से मेहमान के नाम लिखने का बंद किया गया है । मामेरा में जिसका नंबर ड्रॉ सिस्टम में आये उसे ही मौका मिलता है । मामेरा के उत्सव दौरान भजन, भगवान को प्यार करने के लिए झांखी सहित के कई उत्साहजनक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे । तीनों भांजी को उपहार देकर सरसपुर में भगवान के ननिहाल में मामेरा किया जाता है, इसमें इस वर्ष सरसपुर के ही भक्त का नंबर आ जाने से सरसपुर के लोग उत्साहित होकर गुरुवार मंदिर में पहुंच गये थे ।
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