नवरात्रि और इसमें भी आठवीं पूजा के अवसर पर रविवार को प्रसिद्ध यात्राधाम अंबाजी, पावागढ़ महाकाली माता, चोटिला की चामुंडा माता, भावनगर माटेल की खोडियार माताजी, कच्छ की आशापुरा माता सहित के मंदिरों में भी भक्तों की भारी भीड़ लग गई । लाखों भक्तों ने माताजी के दर्शन करके काफी अपने आपको धन्य महसूस किया । माता आशापुरा की स्थानीय माता के मढ़ में परंपरागत मनाया जाता आसो नवरात्र त्यौहार गत दिन शनिवार को रात में १२.३५ बजे सातवीं पूजा पर देर रात को होम हवन में श्रीफल अर्पित किया गया । जबकि रविवार को सुबह में राजवी परिवार द्वारा विधि कराई गई थी । पावागढ की महाकाली मंदिर में भी अष्टमी के दिन तीन लाख से ज्यादा भक्त करने के लिए पहुंचे ।
प्रसिद्ध अंबाजी यात्राधाम में अष्टमी के दिन लाखों भक्त माताजी के दर्शन करने के लिए पहुंचे । अष्टमी को लेकर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली । अंबाजी माताजी की विशेष होम-हवन और यज्ञ का लाभ लेकर भक्तों ने अपने आपको धन्य महसूस किया । पावागढ महाकाली मंदिर में अष्टमी को लेकर तथा दूर-दूर से आये भक्तों की भारी भीड़ की वजह से रात को दो बजे ही मंदिर का पट खोल दिया गया । सुबह में नौ बजे से माताजी की अष्टमी हवन भक्तिभाव के साथ प्रारंभ कराया गया । यह हवन की पूर्णाहूति शाम को चार बजे हवनकुंड में श्रीफल के साथ किया जाएगा । इस दौरान कच्छ की प्रसिद्ध आशापुरा माताजी के मढ़ पर देर रात तक चलती धार्मिक विधि के बाद गत रात में १२.३५ बजे मढ़ जागीर के अध्यक्ष योगेन्द्रसिंहजी राजाबावा द्वारा श्रीफल अर्पित किया गया । इस समय में मंदिर परिसर में ढोल शहनाई के सूर तथा माता आशापुरा की जयजयकार से नारे से गूंज उठा । धार्मिक विधि में श्रीफल अर्पित करने के बाद देर रात को माताजी की आरती की गई । आसो सुद अष्टमी पर माता आशापुरा को राजवी परिवार द्वारा विधि कराई गई थी । सुबह में यहां के चाचरा कुंड में होकर ढोल शहनाई तथा डाकला के सूर के साथ चामर सवारी निकली थी ।