सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) को आदेश दिया है कि वह आम्रपाली बिल्डर्स के अधूरे आवासीय निर्माण कार्य को पूरा करे। शीर्ष अदालत ने एनबीसीसी से कहा है कि वो इसके लिए आवश्यक 7.16 करोड़ रुपये जल्द जारी करे और खरीदारों को राहत प्रदान करे।
इसी के साथ अदालत ने आम्रपाली समूह के निदेशकों और ऑडिटर्स की फॉरेंसिक जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय, पुलिस और भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) को भी आदेश दिए हैं।
अदालत ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से कहा है कि वो नोडल सेल की स्थापना करे, जहां से खरीदारों को कंप्लीशन प्रमाण पत्र जारी किए जा सकें। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही दोनों प्राधिकरणों ने कहा था कि वो आम्रपाली समूह पर बकाया 5,700 करोड़ रुपये की वसूली के लिए अदालत में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे। यह राशि समूह की जमीनों पर बकाया है। 23 जुलाई के आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों से कहा था कि वो एक महीने के भीतर पूरे हो चुके फ्लैट्स की रजिस्ट्री शुरू करें और खरीदारों को हस्तांतरित करना शुरू करें।