ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन देश की सबसे बड़ी रिटेलर रिलायंस रिटेल में २६ पर्सेंट तक स्टेक खरीद सकती है । यह जानकारी इंडस्ट्री के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने दी । हालांकि, उन्होंने यह साफ किया कि दोनों कंपनियां इसे लेकर अभी सिर्फ चर्चा कर रही हैं । रिटेल बिजनेस का स्टेक बेचने को लेकर रिलायंस की इससे पहले चीन के अलीबाबा ग्रुप से बात हो रही थी । हालांकि वैल्यूएशन पर सहमति न बन पाने से डील पक्की नहीं हो पाई ।
एग्जिक्यूटिव्स ने बताया कि ऐमजॉन भारत की सभी बड़ी ब्रिक ऐंड मोर्टार चेन में लंबे समय के लिए हिस्सेदारी बनाना चाहती है और उसका कहना है कि भारत में अभी भी फिजिकल आउटलेट से शॉपिंग करने की परंपरा है ।
रिलायंस में हिस्सेदारी लेने से ऐमजॉन को इंडियन यूजर्स तक कई चैनलों के जरिए पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी । ऐसी रिपोर्ट्स भी आई थीं कि रिलायंस की इस सिलसिले में फ्यूचर ग्रुप से भी बात चल रही है, लेकिन इसकी गति काफी सुस्त है । ऐमजॉन और रिलायंस के प्रवक्ताओं ने इस घटनाक्रम पर कॉमेंट करने से मना कर दिया । रिलायंस के प्रवक्ता ने बताया, हमारी कंपनी अलग-अलग मौकों को समय-समय पर आंकती रहती है । हमने हमेशा सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस एंड डिसक्लोजर रिक्वायरमेंट) रेगुलेशन २०१५ के तहत कंप्लायंस में जरूरी डिसक्लोजर किए हैं । आगे भी करते रहेंगे । ऐमजॉन इस मामले में सावधानी बरतते हुए बढ़ रही है । सूत्रों ने बताया कि कंपनी चाहती है कि डील ई-कॉमर्स के लिए फरवरी में लागू हुए विदेशी निवेश (एफडीआई) के नए नियमों के मुताबिक हो ।
अमेरिका के सिएटल की यह कंपनी रिलायंस रिटेल में २६ पर्सेंट से कम स्टेक खरीदना चाहती है । ऐसा करने से रिलायंस रिटेल ऐमजॉन के भारतीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सेलर बन सकेगी । एफडीआई के नए नियमों के मुताबिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर बेचने वाली कंपनियों में प्लेटफॉर्म की हिस्सेदारी २६ पर्सेंट से ज्यादा नहीं हो सकती ।
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