राज्य के सभी क्षेत्रों में विकास पहुंचे इसके लिए विभिन्न योजना राज्य सरकार द्वारा चलाया जाता है । आवश्यकता के अनुसारक्षेत्र को संबंधित योजना बनाकर इसके द्वारा आर्थिक परिपक्वता प्राप्त करें और समाज की मुख्य धारा में आये इसके लिए प्रयास किया जाता है । आजीविका विकास योजना के तहत एग्रोसेंटर, एग्री ट्रांसपोर्ट, खनन की दुकान, रीवोल्विंग फंड, किराने की दुकान, रोटावेटर, सिलाई मशीन, कटलरी की दुकान, सेंटिग काम के साधन, मंडप डेकोरेशन, मजदूर काम के साधन, टायर पंचर की दुकान, केटरींग सर्विस, सब्जी की दुकान आदि के लाभार्थियों को साधन सहायता और नकद सहायता उपलब्ध करायी जाती है । बनासकांठा जिले में वर्ष २०१७-१८ में कुल २०७ स्वयं सहायता गुट को लाभ दिया गया था और १९७.११ लाख रुपये की रकम का लाभ दिया गया था । इस तरीके से वर्ष २०१८-१९ में ३० स्वयं सहायता गुटों को ४३.४१ लाख रुपये की रकम का लाभ दिया गया था । इस तरह पिछले दो वर्ष में बनासकांठा जिले में २४६ स्वयं सहायता गुटों को २.४० लाख रुपये की सहायता चुकाई गई है इसकी जानकारियां विधायक द्वारा पूछे गये लिखित प्रश्न का ग्रामविकास मंत्री आरसी. फलदू ने उत्तर में दिया । २१वीं सदी टेक्नोलॉजी की सदी है । टेक्नोलॉजी द्वारा जीवनस्तर ज्यादा आसान बन रहा है । औद्योगिक क्षेत्र से लेकर समाजजीवन तक टेक्नोलॉजी का कवरेज बढ़ गया है । जीवन का एक भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां टेक्नोलॉजी नहीं पहुंची हो । यह टेक्नोलॉजी पुस्तकालय तक भी पहुंच गई है । किसी भी पुस्तकालय में जाए और हमें मनपसंद और मनपसंद विषय के पुस्तकों की सूची देखने के पहले पुस्तकालय के कैटलॉग उल्टाना पड़ता था । पुस्तक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए भी लाइन में खड़ा रहना पड़ता था । लेकिन पुस्तकालय में पुस्तक की सूची कम्प्यूटरीकृत करने से मनपसंद पुस्तक जल्दी से और आसानी से ढूंढा जा सकता है । इसके अलावा पुस्तक का रजिस्ट्रेशन तथा वापस जमा कराने का भी कम्प्यूटरीकृत होने से पुस्तक लेने के लिए लाइन में खड़े होकर जो समय बरबाद होता था यह कम हुआ है ।
राज्य में विभिन्न जिलों में पुस्तकालय निदेशक के कार्यालय द्वारा विभिन्न पुस्तकालय चलाये जाते हैं । समय की मांग के अनुसार ऐसे पुस्तकालयों को आधुनिक करने के साथ कम्प्यूटरीकृत भी किया जा रहा है । जिसके तहत मेहसाणा जिले में सरकारी पुस्तकालय कडी और विजापुर को कम्प्यूटरीकृत किया गया है यह खेलकूद राज्य मंत्री इश्वरसिंह पटेल ने विधानसभा में पूाछे गये प्रश्न के लिखित जवाब में बताया गया । पुस्तकालय सेवाओं का कम्प्यूटरीकृत होने से लोगों को जल्दी से और प्रभावी ढंग से पुस्तकालय सेवा उपलब्ध कराया जा सकता है ।
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