रेलवे बोर्ड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस समय २६ जोड़ी गरीब रथ ट्रेनें चल रही हैं । ये वातानुकूलित गाड़ियां कम किराये की वजह से बहुत लोकप्रिय हैं । इन्हें बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है । काठगोदाम-जम्मू और काठगोदाम-कानपुर सेंट्रल गरीब रथ ट्रेन को मेल एक्सप्रेस में तब्दील करने के बाद यह सवाल उठा था कि क्या भारतीय रेलवे से गरीब रथ ट्रेनों की विदाई शुरू हो गई है ? हालांकि, रेलवे बोर्ड ने अब स्पष्ट किया है कि गरीब रथ ट्रेनें पहले की तरह जारी रहेगी और इन्हें बंद करने की कोई योजना नहीं है । जिन दो जोड़ी गरीब रथ ट्रेनों को मेल एक्सप्रेस में बदला गया था, उन्हें दोबारा पुरानी श्रेणी में ४ अगस्त से चलाया जाएगा । रेलवे बोर्ड की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस समय २६ जोड़ी गरीब रथ ट्रेनें चल रही हैं । ये वातानुकूलित गाड़ियां कम किराये की वजह से बहुत लोकप्रिय हैं । इन्हें बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं है ।
काठगोदाम-जम्मू और काठगोदाम-कानपुर सेंट्रल गरीब रथ ट्रेन को मेल एक्सप्रेस में तब्दील करने की वजह उत्तर रेलवे में डिब्बों की कमी को बताया गया है । बोर्ड की ओर से कहा गया है कि डिब्बों की कमी की वजह से ट्रेन नंबर १२२०७/०८ (काठगोदाम और जम्मू) और ट्रेन नंबर १२२०९/१० (कानपुर-काठगोदाम) को अस्थायी रूप से एक्सप्रेस ट्रेन में बदला गया था ।
इन्हें ४ अगस्त से दोबारा गरीब रथ श्रेणी में चलाया जाएगा । गरीबों के एसी में सफर के सपने को पूरा करने के लिए ५ अक्टूबर, २००६ को तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने गरीब रथ ट्रेन की शुरुआत की थी । पहली ट्रेन सहरसा-अमृतसर गरीब रथ एक्सप्रेस थी, जो बिहार के सहरसा से पंजाब के अमृतसर के बीच चलाई गई थी । इस ट्रेन में एसी ३ और चेयरकार होते हैं ।