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ममता रोज चंडी पाठ करती हैं लेकिन जिक्र नहीं होता : नुसरत जहां

बंगाली फिल्म अभिनेत्री से सांसद बनी नुसरत जहां और मिमी चक्रवर्ती ने कहा है कि उनकी नेता ममता बनर्जी ‘रोज सुबह चंडीपाठ करके घर से निकलती हैं, लेकिन इसका जिक्र कोई क्यों नहीं करता? एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए, दोनों सांसदों ने इन आरोपों को गलत ठहराया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुसलमानों के तुष्टिकरण के लिए काम कर रही हैं।

‘जिस तरीके से लोग (बंगाल में विपक्ष के लोग) मेरे पीछे पड़े हैं, उसी तरीके से लोग दीदी के पीछे पड़े हैं। बहुत बार दीदी को ममता बेगम, ममता खातून कहा गया। दीदी सभी धर्मों में समानता लाना चाहती हैं। कोई क्यों नहीं देखता कि दीदी मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए कहां-कहां जाती हैं। वह रोज सुबह चंडीपाठ करके घर से निकलती हैं। ये कोई क्यों नहीं देखता ?’ यह पूछे जाने पर कि ममता बनर्जी एक बार ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने पर प्रदर्शनकारियों पर क्यों नाराज हुईं।

नुसरत जहां ने कहा, ‘भगवान का नाम लेना कोई गुनाह वैसे है नहीं, पर भगवान का नाम अगर कोई पॉलिटिकली इनवॉल्वड करके लेता है, और इस इंटेन्शन से लेता है कि आप किसी को थोड़ा परेशान करोगे, तो वो गलत है। मैं बहुत न्यूट्रल ग्राउंड से आज ये बात बोल रही हूं।’ ‘अगर मैं रोज सुबह अल्लाहू-अकबर, अल्लाहू-अकबर करती रहूं और उसको पॉलिटिकल स्याही का रूप देकर करती रहूं, तो लोगों को पसंद नहीं आएगी। एक दिन आप भी चिड़चिड़े हो जाएंगे और चिल्लाएंगे मुझ पर। ममता दीदी आखिर मुख्यमंत्री हैं, लोग उनका सम्मान करें।’

जब उनसे पूछा गया कि मुख्यमंत्री ने तो प्रदर्शनकारियों को जेल तक भेजने की धमकी दी, नुसरत जहां ने जवाब दिया: ‘किसी को जेल नहीं भेजा गया। दीदी तो फाइटिंग स्पिरिट (fighting spirit) से हमेशा आगे जाती हैं। बात Portrayal (चित्रण) को लेकर हो रही है। अगर Portrayal हो गया कि जय श्रीराम हमारे अपोजीशन का नारा है, ये नारा चिढ़ाने के लिए बोलोगे तो अलग बात है। आप भगवान का नाम लो, ‘जय श्री राम’ या ‘मां काली’ बोलो, पर आप इसे सियासी रूप नहीं दे सकते।’

नुसरत जहां ने खुलासा किया कि ईद-उल-फितर के दिन उन्हें 10 हजार से ज्यादा ‘जय श्री राम’ के संदेश मिले। उन्होंने कहा, ‘मुझे 10 हजार से ज्यादा ‘जय श्रीराम’ के मैसेज आए, ईद वाले दिन। ईद मुबारक भेजने वाले कम, जय श्री राम भेजने वाले ज्यादा। मैंने सबको धन्यवाद दिया। मुझे इस बात की खुशी है।’

बरेली के एक उलेमा के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि नुसरत जहां अब मुस्लिम नहीं है क्योंकि उसने जैन युवक से शादी की और हिंदू रिवाजों के मुताबिक ‘सिंदूर’ लगाया और चूड़ियां पहनी,नुसरत जहां ने कहा: ‘किसी को हक नहीं ये कहे कि मुझसे मेरा धर्म छीन लिया जाए या मुझसे मेरा ईमान छीन लिया जाय। अगर मैं अल्लाताला के साथ डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में नहीं हूं, तो मुझे उम्मीद है कि और कोई भी नहीं है। इसलिए कोई किसी का मजहब नहीं छीन सकता, मजहब हमारी अपनी बात है और मेरा ईमान पक्का है। मांग में सिंदूर, गले में मंगलसूत्र पहनने से मेरा ईमान नहीं डगमगाता है, ये मैं उन्हें कह देना चाहती हूं।’

नुसरत जहां ने हाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बंगाल में रथयात्रा के दौरान मंगल आरती की थी। उन्होंने कहा: ‘मैंने पहले भी मायापुर (पश्चिम बंगाल) में जगन्नाथ रथ खींचा था, उस समय मेरी शादी नहीं हुई थी। उस समय लोगों ने कहा नुसरत ने अपना धर्म परिवर्तन कर लिया, तो ये उनकी सोच है।

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