कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर देश की अर्थव्यवस्था के इंजन से ईंधन निकालने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आयी तो वह प्रस्तावित न्याय योजना से देश की अर्थव्यवस्था में फिर से ईंधन भरेगी । गांधी ने यहां एक चुनावी सभा में यह भी कहा कि पार्टी घोषणापत्र में न्याय योजना प्रस्तावित करने से पहले उन्होंने विशेषज्ञों से मशविरा किया था । उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों ने उन्हें बताया कि नोटबंदी और जीएसटी से प्रभावित लोगों की क्रयशक्ति बढ़ाने के लिए यह योजना जरूरी है । कांग्रेस की प्रस्तावित न्यूनतम आय योजना (न्याय) पार्टी के लोकसभा चुनाव जीतने पर भारत के सबसे गरीब २० प्रतिशत परिवारों को ७२ हजार रुपये सलाना और छह हजार रुपये प्रति महीने मुहैया कराने का भरोसा देती है । गांधी ने कहा, नरेन्द्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था से ईंधन निकाल लिया है । वह चाबी तो लगाते हैं लेकिन इंजन स्टार्ट नहीं होता । न्याय योजना अर्थव्यवस्था के इंजन का डीजल (ईंधन) है । उन्होंने कहा कि यह योजना कारखाने और दुकानें खुलने से लाखों युवाओं को रोजगार देगी । उन्होंने जनसभा में कहा, हम वह आपको लौटाना चाहते हैं जो नरेन्द्र मोदी ने आपसे छीन लिया । उन्होंने दावा किया कि उन सभी को योजना से लाभ होगा जिनकी मासिक आय १२ हजार रुपये से कम हैं और धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डाली जाएगी । कांग्रेस प्रमुख ने कहा, ७२ हजार रुपये पांच करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में जाएंगे क्योंकि वे उसे सोच समझकर खर्च करेंगी । उन्होंने अपना यह आरोप दोहराया कि प्रधानमंत्री मोदी ने चुनिंदा उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाया । उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों के बीमे के लिए जो राशि थी उसे १५ से २० उद्योगपियों को दे दिया गया। उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र में किये गए वादों पर कहा कि किसानों ने सुझाव दिया था कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत में उन्हें पहले से ही बता दिया जाए कि उनके लिए कितनी धनराशि आवंटित की जानी है और पार्टी ने उसे स्वीकार कर लिया । उन्होंने कहा, दो बजट बनाये जाएंगे । एक किसानों के लिए जिसे आम बजट से पहले लोकसभा में पेश किया जाएगा ।
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