पिछले तीन टर्म से शहर में सत्ता की जिम्मेदारी संभाल रहे भाजपा के लिए गत मोनसून के रोड का घोटाला अत्यंत अपमानजनक बन गया है । अहमदाबाद के रास्ते के घोटाले राज्यभर में सनसनी मचा दी है । विधानसभा में चुनाव के दौरान विकास पागल हुआ है ऐसी कई सूत्र सामने आये हैं । रोड के काम के भ्रष्टाचार की हाईकोर्ट के अलावा गांधीनगर स्तर से भी इसे गंभीरता से लिया गया है फिर भी कई अधिकारी और कॉन्ट्राक्टर की मिलीभगत कायम है । यह सांठगांठ के कारण शहर में पिछले एक महीन से रोड के काम ठप है ।
दीपावली के दिनों में सत्ताधीशों ने रोड के काम में कुछ गति बनायी रखी थी इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश की वजह से प्रशासन के टोप के इंजीनियर सहित के इंजीनियर विभाग के स्टाफ को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए मजबूर किया गया रोड के काम की स्थिति बिगड़ गई थी । रोड के काम के कॉन्ट्राक्टर एक या दूसरा कारण आगे रखकर चालू काम में भी सहयोग देते नहीं है । कॉन्ट्राक्टर के पास टूटे हुए रोड नयेसिरे से रिसरफेस करने का नाटक शहर में निभाया जा रहा है । पिछले दो वर्ष में रोड पीछे ५५० करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने के बाद भी अहमदाबाद की जनता को टूटा हुआ रोड मिला है । एक तरफ हाईकोर्ट रोड की वजह से घायल होनेवाले को मुआवजा चुकाने का अहमदाबाद कॉर्पोरेशन को आदेश देता है । दूसरी तरफ टूटे हुए रास्ते को अभी तक मोटरेबल नहीं किया गया है । गत २० फरवरी से होली-धुलेटी के त्यौहार के कारण गांव गये मजदूर अभी तक अहमदाबाद वापस नहीं आये है । जिसके कारण आज की स्थिति में भी अहमदाबाद में एक भी पेवर के काम नहीं चल रहा है । रोड के काम का एक भी पेवर यदि नहीं चलता हो यह वास्तव में काफी गंभीर मामला है फिर भी शासक निश्चित बैठे हुए हैं ।
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