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बजट में शेयरों से कमाई पर लॉन्ग टर्म गेंस टैक्स की वापसी

इस बजट में शेेयरों से कमाई पर लॉन्ग टर्म गेंस टैक्स की वापसी हो गई । अब लोग निवेश के उन तरीकों की तलाश में जुट गए है जिनसे रिटर्न पर एलटीसीजी टैक्स का कम-से-कम असर पड़े । ऐसे में जरूरत है बहुत सोच समझकर कदम उठाने की । एलटीसीजी टैक्स की वापसी के बाद इक्विटी लिंफ्ड सेविंग्स स्कीम फंड्‌स के मुकाबले पब्लिक प्रविडेंट फंड और यूनिट लिंफ्ड इंश्योरेंस प्लान्स ज्यादा टैक्स बचाऊ बन गए है । लेकिन, एक्सपट्‌र्स ईएलएसएस से मुंह नहीं मोड़ने की सलाह देते है । शुद्ध रूप से शेयर आधारित निवेश होने के कारण ईएलएसएस में ऊंचा रिटर्न दिलाने की क्षमता है । गेटिंग यू रिच के फाउंडर और सीईओ रोहित शाह के मुताबिक, आक्रामक निवेशकों के लिए ईएलएसएस अब भी फायदेमंद है क्योंकि एलटीसीजी टैक्स कटने के बाद भी यह पीपीएप और बड़े यूलिप्स से ज्यादा रिटर्न देगा । सीधे इंश्योरेंस कंपनियों द्वारा ऑनलाइन बेचे जानेवाले छोटे-छोटे यूलिप्स शायद लंबी अवधि के रिटर्न के मामले में ईएलएसएस की बराबरी कर सकते है । लेकिन, ईएलएसएस में निवेशकों को ज्यादा लचीलापन प्राप्त होता है जो यूलिप्स में नहीं है । ईएलएसएस की कोई स्कीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हो तो उसे दूसरी स्कीम में शिफ्ट किया जा सकता है, लेकिन यूलिप का प्रदर्शन गड़बड़ाने पर निवेशक सिर्फ यूलिप के विभिन्न फंडों में स्विच कर सकते है ।  इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन ८०सी के तहत आनेवाले सारे टैक्स फ्री इंस्टूमेंट्‌स में तीन साल का सबसे कम लॉक-इन पीरियड ईएलएसएस का ही है । बजट में एलटीसीजी की वापसी के साथ ही बीमा कंपनियां इंश्योंरेंस पॉलिसीज और यूलिप्स से टैक्स-फ्री रिटर्न वाले विज्ञापन देने लगी है ।

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