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रेप विडियो और चाइल्ड पॉन पर शिकंजा कसने की तैयारी : कंपनियों को सरकार का आदेश

सरकार ने गूगल, फेसबुक, युट्युब, याहू, माइक्रोसोफ्ट, टि्‌वटर और वोट्‌सऐप जैसी इंटरनेट और सोशल मीडिया कंपनियों से इंटरनेट पर तेजी से शेयर हो रही चाइल्ड पॉनोग्राफी, रेप और गैंग-रेप से संबंधित आपत्तिजनक कोन्टेंट्‌स पर शिकंजा कसने को कहा । इस तरह के कोन्टेंट्‌स की अपलोडिंग और मिसयुज पर नजर रखने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं पर जोर देने का फैसला लिया गया है । सुत्रों के मुताबिक भारतीय भाषाएं निगरानी में आ जाएंगी । सरकार ने कंपनियों से ज्यादा प्रोऐक्टिव होने को कहा है । इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ प्रज्वला की और से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इस तरह की आपत्तिजनक सामग्रियों के प्रसार पर चिंता व्यक्त की थी । इसलिए सरकार इंटरनेट पर बिना रोकटोक फैल रहे चाइल्ड पॉन और रेप विडियोज के मुद्दे पर कठोर कार्रवाई करना चाहती हैं । एक सुत्र ने कहा, कंपनियां अभी एक रिपोर्टिंग सिस्टमो का पालन कर रही है जहां इस तरह के मामले आने के बाद सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है । सरकार इस तरीके से खुश नहीं है क्योंकि यह रिऐक्टिव है, न कि प्रोऐक्टिव । उसने कहा, हम इस पर छानबीन तेज करना चाहते है ताकि भविष्य में इन्हें तुरंत पकड़ा जा सके और पहली बार अपलोड़ होते वक्त ही रोका जा सके । एक उच्चस्तरीय समिति में जिन तरीकों पर सहमति बनी है, उनमें एक चाइल्ड पॉनोग्राफी से संबंधित की-वर्ड्‌स की लिस्ट को बढ़ाना भी शामिल है । इस समिति में आईटी और होम मिनिस्ट्रीज के सीनियर अफसरों के साथ-साथ गूगल, फेसबुक, याहू, माइक्रोसोफ्ट और वोट्‌सऐप के प्रतिनिधि भी हैं । सुत्र ने बताया, महत्वपूर्ण बात यह है कि रेप और गैंगरेप की घटनाओं या संबंधित सामग्रियों के लिए भी की-वर्ड्‌स डायरेक्ट्री तैयार की जाए । साथ ही, क्षेत्रीय भाषाओं में भी की-वर्ड्‌स की लिस्ट तैयार होगी और इस काम में समाज के प्रतिनिधियों की मदद ली जाएगी । सरकार एक हैश बैंक भी बनाएगी जो मुख्य रूप से आपत्तिजनक इमेज और कॉन्टेंट की एनक्रिप्टेड डायरी होगी । सुत्र ने बताया, अगर हैश बैंक में जमा तस्वीर या अन्य आपत्तिजनक सामग्रियां दुसरी वेबसाइट के जरिए कहीं और अपलोड़ की जाएंगी तो हैश बैंक का इस्तेमाल कर रहे कंप्युटर/सोफ्टवेयर को तुरंत सुचना मिल जाएगी और अपलोडिंग तुरंत रोक दी जाएगी । अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश हैश बैंक का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन भारत के पास यह अभी नहीं हैं । सुत्र बताते है कि भारत में सेंट्रलाइज्ड रिपोटिंग मैकनिजम या होटलाइन पोर्टल तैयार किया जाएगा, जहां लोग इस तरह के कोन्टेंट्‌स की जामकारी दे सकते है ।

 

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