गरीब आबादी को १.२ लाख करोड़ रुपये सालाना की यूनिवर्सल सिक्योरिटी कवरेज देने की महत्वकांक्षी योजना तैयार की हैं । यह सरकार की उस योजना का हिस्सा है जिसके जरिए देश के सभी नागरिकों को व्यापक सुरक्षा के दायरे में लाने पर काम चल रहा हैं । यूनिवर्सल सिक्योरिटी कवरेज की अनिवार्य योजना का खाका श्रम मंत्रालय ने खींचा हैं । वह जल्द इसके मसौदे को फाइनैंस मिनिस्ट्री के पास भेजेगा । फाइनैंस मिनिस्ट्री इसे अगले साल आम चुनाव से पहले लागू करने के लिए फंडिंग पर काम करेगी । इस योजना में तीन कैटगरी के सब्सफ्राइबर्स होंगे । पहली कैटिगरी सबसे गरीब लोगों की होगी जिनका पूरा कॉन्ट्रिब्यूशन सरकार देगी । दूसरी कैटिगरी में वैसे गरीब होंगे, जिन्हें अपनी जेब से कोन्ट्रिब्यूट करना होगा । तीसरी कैटिगरी उन लोगों की होगी, जिन्हें अपनी सैलरी का तय हिस्सा इसके लिए देना होगा । स्कीम दो टियर में होगी । पहले में अनिवार्य पेंशन, इंश्योरेंस और मातृत्व कवरेज होगा और दूसरा स्वैच्छिक चिकित्सा, बीमारी और बेरोजगारी कवरेज होगा । एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने कहा कि यूनिवर्सल सोशल सोशल सिक्योरिटी स्कीम के तहत जमा की जाने वाली रकम को सब स्कीमों में बांटा जाएगा और योगदान के हिसाब से लाभ तय करके उनको सुरक्षित बनाया जाएगा । उन्होंने बताया कि इस स्कीम में स्वैच्छिक कवरेज इस बात पर निर्भर करेगा कि अनिवार्य योजना के तहत कितना निवेश हुआ हैं । सरकार को लगता है कि इस स्कीम में बड़ी संख्या में लोग होंगे, इसलिए इसे आर्थिक रुप से मजबूती मिलेगी और सैलरी का एक हिस्सा देनेवालों के लिए भी यह स्कीम अट्रैक्टिव होगी ।