रेलवे अगले ६ महीने तक हर महीने १००० करोड़ रुपये पुरानी पड़ चुकी रेल पटरियों की जगह नई पटरियां लगाने में खर्च करेगा । ट्रेनों को डीरेल होने से रोकने के लिए यह किया जा रहा हैं । रेल मंत्री पियूष गोयल ने यह आदेश दिया हैं । इस वित्त वर्ष में उन्होंने ट्रैक रिन्युअल का टारगेट बढ़ाकर ३६०० किमी कर दिया हैं । जो औसत २००० किमी के ट्रैक्स के मुकाबले ८० फीसदी अधिक हैं । मंत्री ने अगले महीने स्टील रेल्स की सप्लाई के लिए ग्लोबल बिड्स के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी हैं । सरकारी कंपनी स्टील अथॉरिटी ओफ इंडिया अब तक रेलो की कुलों डिमांड का ८०-८५ फीसदी हिस्सा पूरा कर रही थी । रेल मंत्रालय के एक बड़े अधिकारी ने कहा कि मंत्री केवल यह पक्का रखना चाहते हैं कि सप्लाई में दिक्कत से ट्रैक रिन्युअल में कोई अड़चन न आए । अधिकारी ने कहा कि हम हर चीज को बदल रहे हैं, जिनमें ट्रैक पर पड़ने वाली गिट्टी से लेकर क्लिप्स तक शामिल हैं । युद्धस्तर पर काम चल रहा हैं । ट्रैक्स को जरुरी लोकेशंस पर पहुंचा दिया गया हैं । रेलवे जोन के जनरल मैनेजर्स को जहां जरुरी हो, वहां मेनटेनेंस का काम शुरु करवाने के निर्देश दिए गए हैं । औसतन एक रेल जोन में किसी एक रुट पर जितने ट्रैक इंजीनियरों की मांग होती है, उसका ५० पर्सेट ही दिया जाता हैं । हालांकि पिछले महीने इसे बढ़ाकर ६५ फीसदी किया गया । अधिकारी ने कहा कि ट्रेनों के अधिक ट्रैफिक की वजह से जोन पहले ट्रैफिक ब्लॉक्स आवंटित करने में उत्साह नहीं दिखाते थे लेकिन अब गोयल ने निर्देश दिए हैं कि मांग के तुरंत बाद ब्लॉक को आवंटित किया जाए ।
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