सुखे से बेहाल मराठावाड़ा में फिर किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला शुरु हो गया हैं । औरंगाबाद के विभागीय आयुक्त के आंकड़ों के मुताबिक औसतन रोज चार किसान आत्महत्या कर रहे हैं । पिछले ८ दिन में ३४ किसानों ने आत्महत्या की हैं । औरंगाबाद जिले में ५, बीड में १२, नांदेड़ में ९, परभणी में ७, जालना में ६, लातूर में ५, उस्मानाबाद में ४ और हिंगोली जिले में १ किसान ने आत्महत्या की हैं । जनवरी २०१७ से १५ अगस्त २०१७ तक मराठावाड़ा में ५८० किसानों ने आत्महत्या की हैं । हालांकि आधिकारिक तौर पर इन आत्महत्याओं की वजह साफ नहीं की गई है, लेकिन मराठावाड़ा में इस साल फिर से बन रही सूखे की स्थिति को इसकी मुख्य वजह माना जा रहा हैं . पिछले ४८ दिन से मराठावाड़ा में बंूद भी बारिश नहीं हुई हैं । वहां कई जिलों में किसानों की पहली बुआई कम बारिश की भेंट चढ़ने के बाद दूसरी बुआई भी बर्बाद होे गई हैं । मराठावाड़ा में छोटे, बड़े मिलाकर कुल ३४ लाख ८२ हजार ६४३ किसान हैं । इनमें से छोटे किसानों की संख्या२ १४ लाख ३ हजार ३४१ हैं । उनके पास २ एकड़ या उससे कम कृषि भूमि हैं । इसके अलावा २ से ५ एकड़ कृषि भूमि वाले मझोले किसानों की संख्या १३ लाख ३२ हजार ५५९ हैं ।