अमेरिका ने अपने व्यापार कानून के एक प्रावधान का अब तक काफी कम इस्तेमाल किया है, लेकिन चीन के व्यापार करने के उल्टे सीधे तरीकों से निपटने के लिए ट्रंप प्रशासन को अब उसका साहार लेना पड़ेगा । अमेरिकी मीडिया के मुताबिक प्रशासनिक अधिकारी चीन द्वारा उत्तर कोरिया के परमाणु और बलिस्टिक प्रोग्राम से आंखें मूंद लेने की वजह से बेेहद नाराज हैं । इसके चलते अगले कुछ दिनो में वॉशिग्टन और पेइंचिंग के संबंधो में खटास आ सकती हैं । द वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक प्रशासन अपने कानूनी प्रावधानों से यह जांच करेगा कि चीन की इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी पॉलिसी में व्यापार करने के अनुचित तरीके शामिल तो नहीं । अमेरिका के ट्रेड ऐक्ट ओफ १९४७ के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति के पास यह अधिकार है कि अगर कोई देश व्यापार के गलत तरीकों से अमेरिकी बाजार को नुकसान पहुंचाता है तो राष्ट्रपति उस पर टैरिफ और अन्य प्रतिबंध लगा सकता हैं । इस प्रावधान के इस्तेमाल से अमेरिका चीनी निर्यातकों पर सैंक्शन लगा सकेगा । इस तरह के अमेरिकी टेक्नोलोजी को चीन जाने से भी रोका जा सकेगा । वॉल स्ट्रीट के मुताबिक पिछले कई साल में चीन के व्यापार और मार्केट तक पहुंच के प्रति अमेरिकी व्यापारियों में गुस्सा हैं ।व्यापारी अमेरिकी सरकार से चीन की व्यापारिक गतिविधियों के प्रति कड़ा कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। वॉल स्ट्रीट का कहना है कि कई संगठनों ने यह शिकायत की है कि ट्रंप प्रशासन ने इंटलेक्चुअल प्रोपर्टी जैसे क्षेत्रों पर कोई ध्यान नहीं दिया हैं । उनका आरोप हैं कि सरकार का ध्यान चीन और अमेरिका के बीच पिछले साल हुए ३४७ बिलियन ट्रेड सर्पलस पर हैं ।