देश में अर्थव्यवस्था के बिगड़ते हालात और सरकार के पास पैसे की कमी को लेकर जगह-जगह चर्चाएं हो रही हैं। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया। विपक्षी दल केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि सरकार का खजाना खाली हो चुका है और इसे भरने के लिए कभी वह रिजर्व बैंक से पैसे ले रही है तो कभी सरकारी कंपनियों के निजीकरण की बात कर रही है। इन सब बयानबाजी के बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के नागपुर में हो रहे एक कार्यक्रम में यह कहकर सबको चौंका दिया कि सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार के पास काम करने की मानसिकता और निर्णय लेने में हिम्मत की कमी है।
नितिन गडकरी ने कहा, मैं पिछले पांच साल में 17 लाख करोड़ रुपये के काम करवा चुका हूं और इस साल मैं पांच लाख करोड़ तक पहुंचना चाहता हूं। अब आपको सच बताता हूं कि पैसे की कोई कमी नहीं है। जो कुछ कमी है वो सरकार में काम करने वाली जो मानसिकता है, जो नेगेटिव एट्टीट्यूड है, निर्णय करने में जो हिम्मत चाहिए, वो नहीं है। वही उसका सबसे बड़ा कारण भी है। परसों में हमारे एक हाईएस्ट फोरम में था तो वो कह रहे थे कि हम ये शुरू करेंगे, वो शुरु करेंगे, तो मैंने उनको कहा कि आप क्यों शुरू करेंगे। अगर आपके शुरू करने की ताकत होती तो आप IAS ऑफिसर बनकर यहां नौकरी क्यों करते। आप जाके कोई बड़ा उद्योग शुरू कर सकते हैं, आपका काम नहीं है ये करने का। जो कर सकता है आप उसको ज्यादा मदद करो, इस लफड़े में मत पड़ो।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि देश को वर्ष 2024-25 तक 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हालांकि मुश्किल है, लेकिन घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता घटाने जैसे कदमों से इसे हासिल किया जा सकता है। गडकरी ने कहा, ‘किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसी ही इच्छाशक्ति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है। यह लक्ष्य कठिन जरूर है। लेकिन असंभव नहीं है।
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