आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने में विफल रहे पाकिस्तान पर अमेरिका के ट्रंप प्रशासन की सख्ती में लगातार इजाफा हो रहा है । इस साल ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को अमेरिकी सुरक्षा सहयोग सस्पेंड करने का फैसला लिया था । अब इससे तहत कदम भी उठाए जाने लगे हैं । रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों को दिए जाने वाले प्रशिक्षण और शैक्षणिक कार्यक्रमों में कटौती शुरू कर दी है । आपको बता दें कि भारत लगातार पाकिस्तानी जमीन के आतंकी इस्तेमाल को लेकर पड़ोसी मुल्क को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक्सपोज करता आया है ।
एक तरह से कहें तो पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय बिरादरी पर भारत का बढ़ता दबाव भी असर दिखाने लगा है । अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ये सैन्य प्रशिक्षण और शैक्षणिक कार्यक्रम करीब एक दशक से द्विपक्षीय सैन्य संबंधों के प्रतीक रहे हैं । ट्रंप प्रशासन के इस फैसले पर अमेरिका और पाकिस्तान, दोनों ही जगह कुछ नकारात्मक प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं । हालांकि पेंटागन या पाकिस्तानी मिलिटरी की तरफ से अभी तक रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है ।
रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों ने पहचान छइपाने की शर्त पर कहा है कि यह फैसला विशअवास बहाली की प्रक्रिया को कमजोर करेगा । वहीं पाकिस्तानी अधइकारियों की तरफ से कुछ ज्यादा ही तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है । पाकिस्तानी अधिकारियों ने कहा कि इस वजह से उनकी सेना लीडरशिप ट्रेनिंग के लिए चीन या रूस की तरफ बढ़ सकती है ।
अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने भी कहा हैक कि अमेरिकी सरकार के इंटरनैशनल मिलिटरी एजुकेशन और ट्रेनिंग प्रोग्राम से पाकिस्तान का सस्पेंशन उनके ६६ अधिकारियों को मिलने वाला मौका छीन लेगा । ऐसी स्थिति में पाकिस्तान ६६ अधिकारियों की ट्रेनिंग के लिए रखी गई जगह को दूसरे देश के अधिकारियों से भर लिया जाएगा या खाली ही रखा जाएगा ।
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