टेलिकॉम सेक्टर के बाद अब रिटेल कारोबार में भी तहलका मचाने की तैयारी में जुटी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने विदेश से फंड लाने का फैसला लिया है ।
रिलायंस समूह विदेश से २.५ अरब डॉलर का कर्ज लेने के लिए बैंकों से बात कर रहा है । इस योजना से वाकिफ चार सूत्रों ने बताया कि इस पैसे को टेलिकॉम और रिटेल बिजनस में लगाया जाएगा । रिलायंस एक या उससे अधिक बार में लोन लेने के लिए दर्जन भर बैंकों से बात कर रहा है । सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने फाइबर नेटवर्क और रिटेल स्टोर्स की संख्या बढ़ाने के बीच यह फैसला किया है । इस कर्ज से रिलायंस ढाई साल पहले लिया गया विदेशी कर्ज चुकाएगा । इससे कंपनी की ब्याज देनदारी कम होगी । कंपनी लंदन इंटरबैंक ऑफर्ड रेट से १-१.२५ पर्सेंट अधिक रेट पर ३-५ साल के लिए कर्ज ले सकती है । सूत्रों ने बताया कि अभी इनवेस्टर्स इतने ब्याज की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है । एक अन्य सूत्र ने कहा कि इसके लिए कुछ हफ्तों में रोडशो शुरू हो सकते हैं । यह देश की बेस्ट रेटिंग वाली कंपनियों में शामिल है । इसलिए वह आसानी से कम रेट पर फंड जुटा सकती है । रिलायंस पहले कई बार ऐसा कर चुकी है । कुछ समय पहले कंपनी की एनुअल जनरल मीटिंग (एजीएम) में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि टेलिकॉम बिजनस को बढ़ाने के लिए और निवेश किया जाएगा । उन्होंने कहा था, भारत ऊंची छलांग लगाकर जहां मोबाइल ब्रॉडबैंड में ग्लोबल लीडरशिप रोल में आ चुका है, वहीं फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड के मामले में हम काफी पीछे है । ऑप्टिकल फाइबर बेस्ड फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड ही भविष्य है । जियो भारत को दुनिया के टॉप ५ फिक्स्ड लाइन ब्रॉडबैंड फैसिलिटी रखने वाले देशों में शामिल करने को प्रतिबद्ध है । पेट्रोलियम से रिटेल चेन चलाने वाले रिलायंस ग्रुप ने पिछले कुछ वर्षों में टेलिकॉम बिजनस में २.५ लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है । वह रिटेल बिजनेस का भी तेजी से विस्तार कर रही है ।
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