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बिना ठोस कामकाज से गुजर जाएगा शीतकालीन सत्र

संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में सरकार को वक्त की भारी कमी नजर आ रही है । अब इस सत्र के सिर्फ ५ कामकाजी दिन बचे है और विपक्ष ने कई मुद्दो पर सरकार को घेर रखा है । साथ ही, विपक्ष ने तीन तलाक पर पाबंदी लगाने वाले प्रस्तावित विधेयक के ड्राफ्ट, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, हिजड़ो के अधिकारों और डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल पर अपने मतभेदों को भी सार्वजनिक कर दिया है । विपक्ष ने राज्यसभा की कार्यवाही बाधित कर रखी है और वह तमाम कामकाज के पहले गुजरात चुनाव के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर चर्चा के लिए मांग कर रहा है । प्रधानमंत्री ने मनमोहन सिंह पर आरोप लगाया था कि वह गुजरात चुनाव में बीजेपी को हराने और अहमद पटेल को सीएम बनाने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिश कर रहे है । राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस मसले पर प्रधानमंत्री से सफाई मांगी है । इस गतिरोध को दूर करने के लिए उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभावति वेंकैया नायडू की पहल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बैठक हुई । इसके बाद भी कुछ अनौपचारिक बातचीत हुई, लेकिन मामला भी अटका पड़ा है । इस हफ्ते यह मामला खत्म हो जाने की संभावना है, लेकिन २जी मामले में फैसले से उत्साहित विपक्ष अहम बिलों को पास कराने में सहयोग के लिए तैयार नहीं है । २जी घोटाले में पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा और कनिमोई को क्लीन चिट मिल गई है । सरकार लोकसभा में बुधवार को मुस्लिम महिला बिल, २०१७ को पेश कर सकती है, जिसका मकसद एक बार में तीन तलाक पर पाबंदी लगाना है । हालांकि, विपक्ष को बिल में तीन तलाक के जरिये पत्नी से अलग होने वाले शख्स के लिए तीन साल की सजा के प्रावधान पर ऐतराज है । विपक्षी पार्टियों के साथ कुछ एनजीओ और कार्यकर्ता भी इसे आपराधिक गलती बनाने के खिलाफ है । अनुसूचित जाति और जनजाति की कमेटी की तर्ज पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को भी संवैधानिक दर्जा देने वाले नए संविधान संशोधन बिल को इसी सत्र में संसद में पेस किया जाएगा । संविधान बिल २०१७ राज्यसभा में खारिज हो गया था । सरकार से विरोध के बावजूद एकजुट विपक्ष द्वारा आयोग की संरचना से जुड़े कुछ संशोधनों को पास किए जाने के कारण ऐसा हुआ था । हिजड़ो के अधिकारों से जुड़े बिल को लेकर भी कई अड़चने हैं । हालांकि, सामाजिक न्याय और अधिकारिता से जुड़ी स्थायी समिति ने इस साल जुलाई में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी । वित्तीय समाधान और जमा बीमा बिल, २०१७ को भी लोकसभा में पेश किए जाने पर विपक्ष इसका विरोध करेगा । बीजेपी सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे की अगुवाई वाली राज्यसभा की सिलेक्ट कमिटी मोटर वीइकल बिल पर अपनी रिपोर्ट बुधवार को सौंपेगी । इस बिल के इसी सत्र में पास होने की संभावना है ।

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