समाजवादी पार्टी के संरक्षक और युपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है । मामला वर्ष १९९० में अयोध्या में कारसेवकों पर फायरिंग से जुड़़ा हुआ है । सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करते हुए कारसेवकों पर गोली चलाने का आदेश देने के मामले में मुलायम सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की गई है । याचिकाकर्ता ने अपील में कहा है कि ६ फरवरी २०१४ को मैनपुरी की एक जनसभा में मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि उनके आदेश पर १९९० में पुलिस ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाई थी । इसके बाद राणा संग्राम सिंह ने लखनऊ पुलिस से मुलायम के खिलाफ हत्या और आपराधिक साजिश का मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी । लेकिन पुलिस ने केस दर्ज करने से इनकार कर दिया था । अगस्त २०१६ में मुलायम सिंह ने कहा, कहते है कि अयोध्या में गोली चलने से १६ जाने गई, अगर ३० भी जाती तो देश की एकता और अखंडता के लिए मुझे मंजुर था । अयोध्या में एकता बचाने के लिए गोली चलानी पड़ी थी । गोली चलवाने के बाद मेरी आलोचना हुई थी, मुझे मानवता का हत्यारा कहा गया था । गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव को अयोध्या गोलीकांड के बाद हुए विधानसभा चनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था । इस घटना के बाद १९९१ की राम लहर और ध्रुवीकरण वाले माहौल में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार युपी में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाई थी और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने थे । २ नवम्बर १९९० को जब कारसेवकों ने अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने की कोशिश की थी, तब मुलायम सिंह यादव युपी के मुख्यमंत्री थे ।
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