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मंत्रिमंडल विस्तार कर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने साधे कई संतुलन

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने विधानसभा चुनाव से चार माह पहले अपने मंत्रिमंडल से छह मंत्रियों को हटाकर 13 नए चेहरों को जगह दे दी। ऐसा करके उन्होंने क्षेत्रीय एवं जातीय संतुलन साधने की भरपूर कोशिश की है। जिस समय शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अपने परिवार के साथ अयोध्या में रामलला के दर्शन कर रहे थे, लगभग उसी समय मुंबई स्थित राजभवन में फड़नवीस मंत्रिमंडल में 13 नए मंत्रियों को शपथ दिलवाई जा रही थी। महाराष्ट्र सरकार का यह मंत्रिमंडल विस्तार काफी समय से प्रतीक्षित था। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर के निधन के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार एवं फेरबदल के कयास लगाए जा रहे थे। हाल ही में एक और वरिष्ठ मंत्री गिरीश बापट के सांसद चुन लिए जाने एवं शिवसेना कोटे के एक मंत्री दीपक सावंत का विधान परिषद का कार्यकाल खत्म हो जाने के कारण भी मंत्रिमंडल विस्तार जरूरी हो गया था। लेकिन राजनीतिक दृष्टिकोण से सबसे जरूरी था विधानसभा चुनाव से पहले क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधना। जिसे ध्यान में रखते हुए आज कुछ आरोपों से घिरे एवं कुछ निष्क्रिय छह मंत्रियों से इस्तीफा लेकर मंत्रिमंडल में 13 नए चेहरों को शामिल कर लिया गया। 
शपथ लेने वाले नए मंत्रियों में सबसे चर्चित नाम रहे राधाकृष्ण विखे पाटिल एवं जयदत्त क्षीर सागर के। राधाकृष्ण विखे पाटिल चंद दिनों पहले तक उसी विधानसभा में नेता विरोधीदल की भूमिका निभा रहे थे, जहां सोमवार से शुरू होने वाले मात्र 12 दिन के विधानमंडल सत्र में वह कैबिनेट मंत्री बनकर बैठेंगे। उनके पुत्र डॉ. सुजय विखे पाटिल हाल के लोकसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर अहमदनगर से सांसद चुने गए हैं। राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कांग्रेस के विधायक पद से त्यागपत्र तो दे दिया है, लेकिन भाजपा की प्राथमिक सदस्यता अभी तक नहीं ली है। जबकि आज शिवसेना कोटे से मंत्री बनाए गए जयदत्त क्षीरसागर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी छोड़कर आए हैं, और शिवसेना की सदस्यता ले चुके हैं। आज भाजपा कोटे से मंत्री बने लोगों में अब तक मुंबई भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाते रहे एडवोकेट आशीष शेलार एवं गुजराती समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले योगेश सागर भी हैं। योगेश सागर को अब तक गुजराती समाज का प्रतिनिधित्व करते रहे प्रकाश मेहता की जगह लिया गया है, जो गृहनिर्माण मंत्री थे और कई आरोपों से घिरे चल रहे थे। 
आरपीआई के राष्ट्रीय महासचिव अविनाश महातेकर को राज्य मंत्री बनाया जाना जातीय समीकरण साधने की कोशिश माना जा रहा है। महातेकर महाराष्ट्र की दलित राजनीति का जाना पहचाना चेहरा हैं। पहले वह प्रकाश आंबेडकर के साथ थे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से रामदास आठवले के साथ हैं। हाल के विधानसभा चुनाव में प्रकाश आंबेडकर ने एमआईएम के साथ मिलकर अपनी अच्छी ताकत दिखाई है। विधानसभा चुनाव में यदि उनका समझौता कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के साथ हो जाता है, तो यह गठबंधन शिवसेना-भाजपा के लिए मुसीबत बन सकता है। इसलिए फड़नवीस ने अविनाश महातेकर को राज्यमंत्री पद की शपथ दिलाकर दलित मतों को साधने की कोशिश की है। मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय संतुलन पर भी ध्यान दिया गया है। विदर्भ से पांच नए मंत्री बनाने के साथ ही पश्चिम महाराष्ट्र, उत्तर महाराष्ट्र, मराठवाड़ा एवं मुंबई-कोकण से दो-दो मंत्री बनाए गए हैं। लेकिन इन सभी नए मंत्रियों को काम करने का अवसर लगभग 90 दिन ही मिलेगा। क्योंकि उसके बाद विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी।

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