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पेंशन योजनाओं में बडे बदलावों की तैयारी में सरकार

सरकार ने सामाजिक पेंशन योजनाओं में बडे़ बदलावों का खाका तैयार कर लिया है, लेकिन अभी सरकार की नजर जीएसटी के बाद आए रेवेन्यु पर है । सरकार अभी इस उलझन में है कि क्या जीएसटी के बाद आए रेवेन्यु के भरोसे बदलावों को जमीन पर उतारा जा सकेगा । अनुमानों के मुताबिक, नैशनल असिस्टेंस प्रोग्राम जिसके तहत वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांग पेंशन दी जाती है इससे बजट पर १० से १२ हजार करोड़ का अतिरिक्त भार पडे़गा । अभी इसका बजट ९५०० करोड़ रुपये है । पेंशन योजनाओं में इन बदलावों के बाद सरकार को करीब २२ हजार करोड़ का फंड जुटाना पडे़गा । सरकार ने पेशन स्कीम की फंडिग में भी बडे बदलाव का खाका तैयार किया है । केंद्र सरकार अभी की तरह सारा खर्चा खुद उठाने की बजाए ४० प्रतिशत राज्य सरकार से जुटा सकती है । अगर इसमें से राज्य सरकार का हिस्सा यानी ४० प्रतिशत हटा दें, फिर भी करीब १० हजार करोड़ का भार केंद्र सरकार पर पडे़गा । प्रस्ताव के मुताबिक सरकार वृद्धवस्था पेंशन को २०० रुपये से बढ़ाकर ५०० रुपये कर सकती है । इस तरह सरकार वृद्धावस्था पेंशन योजनाए करीब ३.५ करोड घरों को कवर करती है, इस का दायरा बढ़कर ८.७२ करोड़ हो सकता है । १८ से ३९ साल की विधवाओं को भी पेंशन मिलने का प्रस्ताव है साथ ही उन्हें दुसरी शादी के लिए भी आर्थिक मदद दी जाएगी । अभी तक विकलांग पेंशन पाने के लिए ८० प्रतिशत विकलांगता जरुरी होती थी । इसे अब सरकार आधा यानी ४० प्रतिशत करने को तैयार है । साथ ही पेंशन को ३०० रुपये से बढ़ाकर ५०० रुपये भी किया जाएगा । ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को तैयार कर लिया है और अब इसे वित्त मंत्रालय की खर्च संबंधी समिति के समक्ष रखा जाएगा । उसके बाद ही फंड्‌स से जुडी तस्वीर साफ हो पाएगी ।

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