वकीलों के अस्तित्व पर खतरे के समान ऐसा एडवोकेट्स एमेन्डमेन्ट बिल-२०१७ के मामले में दिल्ली में गत दिन बार काउन्सील ऑफ इंडिया द्वारा देश की सभी बार काउन्सीलों के पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों की एक महत्व की बैठक बुलायी गई थी । जिसमें देश की २४ से ज्यादा राज्यों की बार काउन्सील के पदाधिकारियों और प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था । बैठक में एडवोकेट्स एमेन्डमेन्ट बिल के प्रस्तावित संशोधन वकीलों के हित विरूद्ध होने से समग्र बिल को वापस लेने की मांग सभी बार काउन्सीलों की तरफ से हुई थी । इस बारे में गुजरात बार काउन्सील के चेयरमैन भरत भगत और अनुशासन कमिटी के चेयरमैन अनिल सी. केल्ला ने बताया है कि, वकीलों के अस्तित्व पर खतरा समान एडवोकेट्स एमेन्डमेन्ट बिल-२०१७ के मामले में देशभर में कड़ी प्रतिक्रिया मिली है । एडवोकेट्स एमेन्डमेन्ट बिल को लेकर बार काउन्सील ऑफ इंडिया ने देशभर के वकीलआलम के सूचना और जरूरी संशोधन क्या है यह एकत्र करने की कवायद भी शुरू की थी और इसके तहत देश की सभी बार काउन्सीलों को उनके राज्य के सभी बार एसोसिएशनों और वकीलआलम की क्या सूझाव है और किस प्रकार के संशोधन बिल में होने चाहिए इस बारे में सूचना दी थी । जिसके गुजरात बार काउन्सील ने राज्य के सभी जिला-तहसील बार एसोसिएशनों के पास से उनके सूझाव और संशोधन मंगाये गये थे । बार काउन्सील ऑफ इंडिया ने बुलायी सभी बार काउन्सीलों की संयुक्त सभा में गुजरात बार काउन्सील की तरफ से भी उन्होंने तैयार किए बिल संदर्भ के मसौदे और गुजरात के वकीलों के अभिप्राय को बैटक में पेश किया गया था । बार काउन्सील के चेयरमैन भरत भगत और पूर्व चेयरमैन अनिल सी. केल्ला ने बताया कि, बैठक में वकील विरोधी बिल के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों तथा लोकसभा की स्टेन्डिंग कमिटी की पेशकश करने का निर्णय लिया गया था ।