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Urjit Patel को मिली बड़ी जिम्मेदारी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (NIPFP) के चेयरमैन पद पर नियुक्त किया गया है। उर्जित पटेल से पहले इस पद पर विजय केलकर थे, जिन्होंने 2014 में पदभार संभाला था। उर्जित पटेल को चार साल की अवधि के लिए इस पद पर नियुक्त किया गया है, वो 22 जून को पद संभालेंगे। गौरतलब है कि उर्जित पटेल ने दिसंबर 2018 में केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को लेकर सरकार के साथ कुछ मनमुटाव के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। एनआईपीएफपी ने एक बयान में कहा कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डॉ. उर्जित पटेल 22 जून, 2020 से शुरू होने वाले अगले चार साल के कार्यकाल के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी का विशेषाधिकार सौंपा जाता है।
एनआईपीएफपी के मैंबर में वित्त मंत्रालय के तीन प्रतिनिधि, नीती आयोग के एक प्रतिनिधि, भारतीय रिज़र्व बैंक के एक प्रतिनिधि, राज्य सरकारों के प्रायोजक के तीन प्रतिनिधि, तीन प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, सिस्टर रिसर्च इंस्टीट्यूट के तीन प्रमुख और अन्य प्रायोजन एजेंसियों के सदस्य शामिल होते हैं। एनआईपीएफपी का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक अर्थशास्त्र से संबंधित क्षेत्रों में नीति निर्माण में योगदान देना है। इस संस्था को वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के अलावा और विभिन्न राज्य सरकारों से वार्षिक अनुदान सहायता मिलता है। पटेल का तीन साल का कार्यकाल सितंबर, 2019 में पूरा होना था लेकिन उन्होंने साल 2018 दिसंबर में ही पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद शक्तिकांत दास ने रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभाला है। उर्जित पटेल के गवर्नर पद संभालने के 3 महीने बाद ही नोटबंदी का फैसला लिया गया था। जिसके बाद RBI ने सरकार के इस फैसले को लेकर सचेत भी किया था क्योंकि वह इस बात से सहमत नहीं था। इस बात का खुलासा पिछले साल दायर आरटीआई से हुआ था।

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