केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान मुख्य ब्याज दर (रीपो रेट) में संभावित कटौती का संकेत दिया है । आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा अगस्त में होने वाली है । सीतारमण ने कहा, मैं पूरी ईमानदारी से कहती हूं कि मेरी इच्छा है कि रेट कट हो और यह निश्चित तौर पर देश के लिए अच्छा होगा । आरबीआई जब रीपो रेट में कटौती करती है तो बैंकों से उम्मीद की जाती है कि वे इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाएं, ताकि उन्हें सस्ता होम लोन, ऑटो लोन तथा अन्य लोन मिल सके । वित्त मंत्री ने कहा, मुझे विश्वास है कि आरबीआई ने बेहद उदार रुख अपनाया है और रीपो रेट में लगभग ७५ आधार अंकों (०.७५÷) की कटौती की है । हमें आगे भी रेट कट की पूरी उम्मीद है । रिजर्व बैंक इस साल रीपो रेट में तीन बार में ०.७५÷ की कटौती कर चुका है । कर्ज दरों में कटौती की शुरुआत अक्सर भारतीय स्टेट बैंक शुरू करता है, जिसेक बाद अन्य बैंक भी अपने कर्ज के इंट्रेस्ट में कटौती करते हैं । विश्लेषकों ने हालांकि सीतारमण की इच्छा (रेट कट की) के प्रति मिश्रित प्रतिक्रिया जताई है, क्योंकि उनका मानना है कि आरबीआई को अब रेट कट पर विचार करने से पहले पिछले रेट कट का फायदा लोगों को मिलने तक का इंतजार करना चाहिए । आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी रेट का फायदा लोगों तक न पहुंचने की बात कर चुके हैं और कहा है कि आने वाले समय में रेट कट खासकर महंगाई के आंकड़ों पर निर्भर करेगा । दास ने कहा था कि पिछले छह महीने के दौरान आरबीआई रीपो रेट में एक फीसदी की कटौती कर चुका है, लेकिन नए कर्जदाताओं को केवल ०.२१ फीसदी का फायदा ही मिल सका है ।